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पूर्वांचल के जुझारु बुनकर नेता कमरुज़्ज़मा अंसारी नहीं रहे

गोरखपुर। पूर्वांचल में बुनकरों के हक की आवाज़ को बुलंद करने वाले हुमायूंपुर उत्तरी निवासी कमरुज़्ज़मा अंसारी (वरिष्ठ कांग्रेस नेता) का शुक्रवार को इंतकाल हो गया। वह  70 वर्ष के थे।

वह काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। आज गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके इंतकाल की खबर लगते ही बुनकरों व कांग्रेसियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन से बुनकरों ने अपना एक जुझारु बुनकर नेता खो दिया।

उन्हें आज रात पुराना गोरखपुर कब्रिस्तान मे दफ़न किया जाएगा। परिवार में दो बेटे और तीन बेटियां है। तीनों बेटियां विवाहित हैं।

कई सालों पहले पूर्वांचल में हथकरघा उद्योग अच्छे पैमाने पर था। यहां की बुनी चादर, तौलिया, गमछा आदि हथकरघा द्वारा तैयार किये जाते थे। धीरे-धीरे बुनकरों के इस कारोबार पर ग्रहण लग गया। उस दौरान कमरुज़्ज़मा अंसारी बुनकरों की आवाज़ बन कर उभरे। वह कांग्रेस पार्टी के साथ हमेशा जुड़े रहे। उनके पिता मो. इदरीस अंसारी भी कांग्रेसी थे। कमरुज्जमा ने 2007 में आल इंडिया माइनारिटीज फ्रंट के बैनर तले उप्र विधानसभा का चुनाव मानीराम से लड़ा। वह 1977 से 1980 के बीच कई बार अंदोलनों के दौरान जेल भी गये। वह कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष भी रहे।

कमरुज़्ज़मा नेक दिल और मिलसार व्यक्तित्व के धनी थे। यही कारण है कि बुनकर अपनी हर समस्या लेकर उनके पास पहुंचते थे। कमरुज़्ज़मा यूपी स्टेट हज कमेटी के मेम्बर, जिला अमन कमटी के मेम्बर और मौलना आजाद हायर सेकेण्ड्री स्कूल के पूर्व प्रबंधक सहित तमाम सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन बाखूबी करते रहे।

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