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प्राथमिक विद्यालय में पढाई का हाल, कक्षा 5 के बच्चे बोर्ड पर 127 और 49 नहीं लिख पाए

नगर विधायक के निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब मिला,  प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड करने को कहा

गोरखपुर। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता की पोल आज भाजपा विधायक के निरिक्षण में खुल गयी. नगर विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल जब आज प्राईमरी पाठशाला डिभिया ( वार्ड 3 ) पहुंचे तो वहां पंजीकृत 72 बच्चों में से सिर्फ 30 बच्चे ही उपस्थित मिले. कक्षा 5 के बच्चे बोर्ड पर 127 और 49 नहीं लिख पाए और 75  फीसदी बच्चे गुणा-भाग करना तो दूर घटाना का तरीका भी नहीं जानते थे।

इस प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा का दयनीय स्तर देखकर नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल ने नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा को प्राईमरी पाठशाला डिभिया ( वार्ड 3 ) की प्रधानाध्यापिका दुर्गावती देवी को तुरंत सस्पेंड करने के लिए निर्देशित किया।

डॉ अग्रवाल आज सुबह 11 बजे अचानक नगर शिक्षा अधिकारी के साथ वार्ड संख्या-3 के डिभिया स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे.   नगर विधायक यह देखकर दंग रह गये कि विद्यालय में सिर्फ 30 बच्चे ही उपस्थित थे,जबकि पंजीकृत बच्चों की संख्या 72 थी । उन्हें यह देखकर भी आश्चर्य हुआ कि हमेशा इससे भी कम बच्चे उपस्थित रहते हैं। रजिस्टर देखने से पता चला कि कक्षा 3 में पंजीकृत 17 बच्चो की संख्या कक्षा 5 में घटकर 8 पंहुच गई थी ,अर्थात ड्राप-आऊट रेट 55 % थी ।

        नगर विधायक ने कक्षा 5 के बच्चों को बोर्ड पर 127 और 49 लिखने को कहा । 75 % बच्चे ऐसा नहीं कर पाये । 75 % बच्चे गुणा-भाग करना तो दूर घटाना का तरीका भी नहीं जानते थे और बचे बच्चे को भी ठीक से घटाना नहीं कर पाये । नगर विधायक ने उन्हीं बच्चों से सामान्य हिन्दी के वाक्य और शब्द लिखने को कहा । एक बच्ची को छोड़कर शेष सरल और आसान हिन्दी में शब्द और वाक्य भी नहीं लिख पाये।

        नगर विधायक ने काफी समय देकर बच्चों को अंकगणित पढ़ाया और हिन्दी लिखना सिखाया। उसके बाद डा अग्रवाल ने बच्चों को पौष्टिक आहार का मतलब समझाया तथा स्वयं राष्ट्र गान गा कर उन्हें जन-गन-मन गाने का तरीका सिखाया। नगर विधायक ने बच्चों के साथ मिड-डे मील भी ग्रहण किया और खाने की गुणवत्ता की प्रशंसा की ।

  नगर विधायक ने शिक्षिका को यह कहकर डांट लगाई कि सिर्फ 1500 पाने वाली रसोइया अपना काम ईमानदारी से कर रही है,लेकिन 77000 का प्रतिमाह वेतन पाने वाली शिक्षिका लापरवाह है ।

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