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यंग इंडिया अधिकार मार्च में बड़ी संख्या में शामिल होंगे गोरखपुर के छात्र -युवा

गोरखपुर.  इंकलाबी नौजवान सभा की गोरखपुर जिला इकाई ने आज जिला अधिवक्ता सभागार में छात्र – युवा संवाद का आयोजन किया जिसमें 7 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित यंग इंडिया अधिकार मार्च में बड़ी संख्या में शामिल होने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर मोदी – योगी सरकार को पूर्ण रूप से विफल बताते हुए इस मुद्दे पर 10 हजार छात्रों – युवाओं से हस्ताक्षर कराने, 5 फरवरी को यंग इंडिया अधिकार मार्च के समर्थन में गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट से शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए आंबेडकर चौराहे तक मार्च निकालने का निर्णय लिया।

संवाद कार्यक्रम को पूर्व छात्र नेता एवं आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के मंडलीय मंत्री महेंद्र गौतम, इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश मंत्री राकेश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, छात्र नेता सोनू सिद्दार्थ , प्रशांत कुमार, अमित सिंघानिया, प्रदीप कुमार, पूर्वांचल सेना के सुरेंद्र वाल्मीकि, शिवभोले साहनी, इंकलाबी नौजवान सभा के बजरंगी निषाद, खेत एवं ग्रामीन मजदूर सभा के विनोद भारद्वाज आदि ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने युवा भारत को बेरोजगार भारत और युवा आत्महत्या के देश में बदल दिया है। जिस देश में सबसे ज्यादा आबादी युवाओं की हो वहां युवाओं के शिक्षा, रोजगार के लिए सबसे अधिक बजट और योजनाएं होनी चाहिए लेकिन हालत ठीक इसके उलट है। केन्द्र और प्रदेश की सरकारें युवाओं की पढ़ाई और रोजगार पर बजट खर्च करने के बजाय कम कर रही हैं और हजारों-हजार करोड़ रूपए मूर्तियां बनवाने और धार्मिक आयोजनों की ब्राडिंग में खर्च कर रही है। प्रति वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आयी मोदी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी दर सबसे उच्चतम विंदु पर पहुंच गई है। लाखों सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं और उन्हे भरने में सरकार नाकाम रही है।

वक्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालयों के बजट में कटौती की जा रही है। बेरोजगारी की भयावह होती जा रही स्थिति से मौजूद सरकार कत्तई चिंतित नहीं दिख रही है। युवाओं को रोजगार देने में असफल केन्द्र की मोदी और राज्यों की भाजपा सरकारें बेरोजगारों का मजाक उड़ाने लगी हैं और झूठे आंकड़े पेश कर सचाई को छिपाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को पकौड़ा बेचने की सलाह दे उनका अपमान कर रही है। सातवें सेंट्रल पे कमीशन ने न्यूनतम 18 हजार रूपए हर महीने सेलरी देने की संस्तुति की है लेकिन असंगठित क्षेत्र की छोड़ दीजिए संगठित क्षेत्र में भी लोगों को यह न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है। भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और उच्च शिक्षण संस्थाओं में दलित छात्र- छात्राओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है।

वक्ताओं ने मोदी- योगी सरकार को छात्र-युवा विरोधी बताते हुए उसके खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन इंकलाबी नौजवान सभा के सुजीत श्रीवस्तव ने किया।

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