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पोस्टमार्टम के बाद भी चार बच्चों की मौत का कारण पता नहीं चल पाया

कुशीनगर. कुशीनगर के कसया तहसील के सिसई गांव में चार बच्चों की मौत का कारण पोस्टमार्टम से भी नही सुलझ पाई है. चिकित्सकों ने बच्चों की मौत को सस्पेक्टेड प्वाइजनिंग बताते हुए बिसरा सुरक्षित कर लिया है. अब मौत के कारणों का खुलासा बिसरा के परीक्षण के बाद भी हो पायेगा. आज स्वास्थ्य विभाग ने पूरे दिन गांव में ब्लीचिंग पाउडर, दवा का छिड़काव किया और सफाई अभियान चलाया. लोगों को स्वच्छतापूर्वक रहने व खान पान में भी साफ सफाई बरतने को कहा गया.

कुड़वा दिलीपनगर गांव के सिसई टोला पर अनुसूचित नट जाति के 25-30 परिवार रहते हैं. इन परिवारों में अधिकांश की माली स्थिति खराब है. कई परिवार तो भिक्षा मांगकर गुजारा करते हैं. इस गांव में तीन दिन के भीतर एक ही घर के चार मासूम बच्चों हिमांशु (11), संजीत (03), नीतीश (05), दिलजले (03) की मौत हो गई. मौत से पूर्व सभी बच्चों के मुंह से सफेद झाग आया था.

घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन व चिकित्सा विभाग में हड़कम्प मच गया। एक के बाद एक अधिकारी व चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें गांव में कैम्प करने लगी. चिकित्सक मौत का कारण नहीं बता सके तो प्रशासन ने संजीत, दिलजले व नीतीश का पोस्टमार्टम कराया. रविवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मौत का कारण स्पष्ट नही हो सका.

रविवार को विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी,जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय, सीएमओ डॉ. सुदर्शन सोनकर, राजेश प्रताप राव, डॉ. संजय सिंह, डॉ. मैनेजर यादव आदि गांव में पहुंचे. सभी ने अपने- अपने तरीके से लोगों से बातचीत की और घटना की तह में जाने की कोशिश की. मृत बच्चों के परिजनों से बातचीत कर बच्चों को कब-कब, क्या-क्या खिलाया गया , इसकी भी जानकारी ली गई. प्रशासन ने मृत बच्चों के घर में पकी ब बिना पकी खाद्य सामग्री को सीज किया है, खाद्य सामग्रियों को लैब टेस्टिंग को भेजा जाएगा.

सिसई टोले के नजदीक एक तालाब में भारी संख्या में मृत मछलियां पाई गईं हैं. लोगों को सन्देह हैं कि कहीं बच्चों ने मृत मछलियों का तो सेवन नही कर लिया, जो मौत का वजह बनी. इस सम्बन्ध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने बताया कि कई पहलुओं पर जांच चल रही है. प्रशासन व चिकित्सा टीम कैम्प कर रहा है. जल्द ही मौत की वजह का खुलासा हो जाएगा.

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