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बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं की व्यथा को आवाज दी नाटक ” हमारा क्या कसूर ” ने

गोरखपुर। अलख कला समूह ने शनिवार को जन नाटककार राजाराम चौधरी द्वारा लिखित व बेचन सिंह पटेल द्वारा निर्देशित नाटक ” हमारा क्या कसूर ” का मंचन मुंशी प्रेमचंद पार्क में किया. नाटक में बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं और ठेके पर दी जा रही नौकरी पर सवाल खड़ा किया गया।

नाटक में दिखाया गया कि देश में बढ़ती जनसंख्या और बेतहाशा महंगाई के दौर में युवाओं को कैसे रोजगार से जोड़ा जाए इस पर शासन में बैठे लोग किस तरह पढ़े-लिखे नौजवानों को ठेके पर नौकरी देकर उनका उपहास उड़ाते हैं. शिक्षा जगत में शिक्षक की कमी होते हुए भी स्थाई शिक्षक की नौकरी ना देकर मानदेय यानी कम पैसे में योग्य युवाओं को रखकर शिक्षण कार्य कराने की नीति तैयार होती है.  आज के परिवेश में कम मानदेय पर काफी संख्या में कर्मचारी तमाम विभागों में तैनात हैं जिनका आर्थिक शोषण होता है. काम एक जैसा और दाम भिन्न-भिन्न.

इन सभी मुद्दों पर नाटक के जरिए दर्शकों के सामने सवाल छोड़ा, आखिर कब तक ऐसे रहेंगे युवा बेरोजगार, क्यों नहीं मिलती नौकरी, इसमें भला युवाओं का क्या कसूर ?

यह नाटक देश के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी को समर्पित किया गया. नाटक में बैजनाथ मिश्र, राकेश कुमार, आशुतोष पाल, अनन्या ने अभिनय किया.

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