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इमामबाड़ा एस्टेट से निकला पांचवीं मुहर्रम का शाही जुलूस

मियां साहब हुए बीमार जुलूस छोड़ घर लौटे, छोटे मियां साहब ने संभाली कमान

गोरखपुर। मियां बाजार स्थित मियां साहब इमामबाड़ा एस्टेट से पांचवी मुहर्रम का शाही जुलूस गुरुवार को अपनी पुरानी रिवायत के मुताबिक पूरी शानो शौकत के साथ निकाला गया। जुलूस की अगुवाई इमामबाड़ा एस्टेट के सज्जादानशीन अदनान फर्रुख शाह ‘मियां साहब’ कर रहे थे। उनके साथ उनके दोनों पुत्र आतिफ अली शाह, अयान अली शाह भी जुलूस की शोभा बढ़ा रहे थे।

करीब तीन सौ साल से निकल रहा मियां साहब का पांचवी का जुलूस हजरत सैयद रौशन अली शाह की मजार पर फातिहा पढ़कर पश्चिमी फाटक से करीब सुबह 10:20 बजे निकला। जुलूस हजरत कमाल शाह की मजार पर फाातिहा पढ़ने के बाद बक्शीपुर की ओर मुड़ा। जुलूस के सबसे आगे इमामबाड़ा एस्टेट का परचम, अलम और उनके पीछे सफेद और परंपरागत वर्दी में अंगरक्षक, उसके बाद घोडे़ और मियां साहब के पुश्तैनी सैनिकों की पलाटून सड़क के दोनो तरफ चल रही थी।

पांचवी मुहर्रम का शाही जुलूस की अगुवानी करते मियां साहब

मियां साहब के निजी सुरक्षा गार्ड उनके पीछे थे। कई अदद बैण्ड वादक और शहनाई वादक भी जुलूस में शमिल थे। मियां साहब मातमी धुन पर अपने सहयोगियों के साथ गम का इजहार कर रहे थे। पांचवी मुहर्रम का जुलूस इमामबाड़े से सुबह 10:20 बजे रवाना होकर कमाल शहीद बक्शीपुर, अलीनगर, चरनलाल चौक, बेनीगंज इमामबाड़ा, बेनीगंज चौराहा, जाफरा बाजार से होता हुआ कर्बला के मैदान में पहुंचा।

कर्बला में कुछ देर विश्राम के बाद जुलूस रवाना होकर घासी कटरा, मिर्जापुर चौराहा, साहबगंज, खूनीपुर चौराहा होता हुआ जब मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर पहुंचा तो अचानक मियां साहब की तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में वह जुलूस छोड़ घर रवाना हो गए। इसके बाद छोटे मियां साहब आतिफ व अयान ने जुलूस का नेतृत्व किया। जुलूस नखास चौराहा, कोतवाली होते हुए मान चौराहे से गुजर कर इमामबाड़ा एस्टेट के दक्षिण फाटक से अंदर दाखिल हुआ। बरसों पुरानी परंपरा टूट गई। बगैर मियां साहब के जुलूस खत्म हुआ.

छोटे मियां साहब ने अपने पूर्वजों की मजार पर फातिहा पढ़ कर जुलूस समापन की घोषणा की। मियां साहब व छोटे मियां साहब का विभिन्न संगठनों द्वारा फूल मालाओं से स्वागत किया गया। जुलूस में भगवती अखाड़ा बक्शीपुर सहित कई मोहल्लों का जुलूस भी शामिल रहा। जुलूस में शामिल लोग अलम, रौशन चौकी लिए ढ़ोल-ताशा बजाते हुए चल रहे थे।

पांचवी मुहर्रम के मातमी जुलूस को देख नम हुई आंखें

गोरखपुर। गुरुवार रात को अंजुमन हैदरी हल्लौर का पांचवी मुहर्रम का जंजीरी मातमी जुलूस ख़ूनीपुर से अपनी पुरानी रवायत के साथ निकला। यह जुलूस हल्लौर एसोसिएशन के बैनर तले निकला। इससे पहले महिलाओं द्वारा मजलिस व मातम किया गया। लोग सड़को, गलियों और छतों पर जंजीर और कमा (छोटी तलवार) का मातमी जुलूस देखने के लिए जमें रहे।

ज़जीरी मातम और कमां का मातम देख कर अकीदतमंदों की आखें नम हो गई। हर तरफ या हुसैन, या हुसैन की सदा गूज़ रही थी। वक्ताओं ने इमाम हुसैन की शहादत पर प्रकाश डाला। कस्बा हल्लौर से आये तमाम लोगों ने कमां और जंजीरों का मातम किया। मातमी जुलूस मदरसा अंजुमन इस्लामिया से होता हुआ नखास चौक से रेती चौक होते हुए गीताप्रेस रोड स्थित इमामबाड़ा आगा साहेबान में पहुंचा। जहां हल्लौर एसोसिएशन की जानिब से मजलिस हुई व जुलूस समापन की घोषणा की गयी।

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