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राप्ती नदी में खड़े होकर लिया संकल्प-नदी की धारा बदलने नहीं देंगे, चुनाव बहिष्कार की घोषणा

करंजही में राप्ती नदी की धारा बदलने की योजना के खिलाफ खड़े हुए ग्रामीण

गोरखपुर। जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर बेलीपार क्षेत्र के करंजही गांव के ग्रामीणों ने आज सवेरे राप्ती नदी में खड़े होकर संकल्प लिया कि राप्ती नदी की धारा को किसी भी हालत में बदलने नहीं देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि वे जान दे देंगे लेकिन इस योजना को क्रियान्वित नहीं होने देंगे क्योंकि यह नदी और उसके तट पर रहे रहे गांवों, लोगों के लिए विनाशकारी है। ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर चुनाव बहिष्कार का भी नारा दिया।

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आज सवेरे आठ बजे बड़ी संख्या में गांव के लोग पूर्व प्रधान ओम प्रकाश शुक्ल, ग्राम प्रधान जयहिन्द यादव की अगुवाई में राप्ती नदी के तट पर एकत्र हुए। ग्रामीणों के आमंत्रण पर आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल नदी मंच के वरिष्ठ सदस्य विश्वविजय सिंह व आलोक शुक्ल भी वहां पहुंचे। बेला,कतरारी, आईमा, भीटी गांव के प्रधान, पूर्व प्रधान सहित दर्जनों लोग भी संकल्प सभा में शामिल होने पहुंचे.

सैकड़ों लोगों ने नदी में खड़े होकर राप्ती नदी का जल हाथ में लेकर संकल्प लिया कि वे इस स्थान पर राप्ती नदी की धारा मोड़ने की योजना को क्रियान्वित नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने राप्ती नदी की धारा मुड़ने नहीं देंगे, गांवों को उजड़ने नहीं देंगे का नारा लगाया। गुस्साए ग्रामीणों ने इस योजना को बड़ी लूट के इरादे से बनाया गया बताते हुए प्रदेश सरकार और शासन के खिलाफ भी नारेबाजी की।

संकल्प सभा में शामिल होने पहुंचे पूर्वांचल नदी मंच के विश्वविजय सिंह, अलोक शुक्ल व अन्य

राप्ती का जल लेकर संघर्ष का संकल्प करने के बाद नदी के तट पर बने अंत्येष्टि स्थल पर सभा हुई। सभा को विश्वविजय सिंह, आलोक शुक्ल, ओम प्रकाश शुक्ल, ग्राम प्रधान जयहिंद यादव आदि ने सम्बोधित किया। विश्वविजय सिंह ने कहा कि राप्ती नदी व कुछ अन्य नदियों की धारा बदलने की योजना 600 करोड़ के सरकारी धन की लूट के इरादे से बनायी गई जिसका इस योजना से जुड़े नेताओं, इंजीनियरों व अफसरों के अलावा किसी को फायदा नहीं होने वाला है। नदी की धारा मोड़ने से न सिर्फ सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन बर्बाद होगी बल्कि नदी की नई धारा करंजही सहित आस-पास के गांवों के अस्तित्व के लिए खतरा बन जाएगी।

उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के जरिए बनायी जाने वाली नए बहाव मार्ग को नदी कत्तई स्वीकार्य नहीं करेगी। इस योजना से दीर्घकालीन पर्यावरणीय प्रभाव पड़ेंगे।

आलोक शुक्ल ने ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे जागरण अभियान चलाकर, पर्चा बांटकर सभी लोगों को इस योजना से होने वाले विनाशकारी प्रभाव के बारे में लोगों को अवगत कराएं और आंदोलन संगठित करें। उन्होंने इस योजना को कुछ लोगों के अहंकार का परिणाम बताते हुए कहा कि योजना तैयार हो गई और उसे अमल में लाने के लिए मशीनों को भेज दिया गया लेकिन इससे प्रभावित होने वाले गांवों के ग्रामीणों से बातचीत तक नहीं की गई।

संकल्प सभा में संघर्ष समिति के गठन का ऐलान करते ओम प्रकाश शुक्ल

ग्राम प्रधान जयहिंद यादव ने बताया कि अफसर लगातार दबाव बना रहे हैं कि जमीन की पैमाइश और नदी के नए बहाव मार्ग की खुदाई का काम शुरू कर दिया जाए लेकिन हम प्रदेश सरकार और अफसरों को बता देना चाहते हैं कि हम किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की जा रही है।

पूर्व प्रधान ओमप्रकाश शुक्ल ने कहा कि योजना के खिलाफ करंजही और आस-पास गांवों का एक-एक जन एकजुट है। उन्होंने संघर्ष समिति और उसके मार्गदर्शक मंडल, संयोजक मंडल व पदाधिकारियों के नाम सबके समक्ष प्रस्तावित किया जिसका सभी ने ताली बजाकर सहमति दी। उन्होंने कहा कि नदी की धारा बदलने की योजना नदी, पेड़, पशु-पक्षी, खेती की जमीन, गांव का अस्तित्व मिटाने के लिए बनायी गई है। हम संघर्ष कर जान दे देंगे लेकिन इस योजना को शुरू नहीं होने देंगे।

संकल्प सभा में जाते ग्रामीण

सभा में कई ग्रामीणों ने इस योजना के विरोध में चुनाव बहिष्कार का प्रस्ताव रखा जिससे सर्वसम्मत से स्वीकार करते हुए इसकी घोषणा की गई। ग्रामीणों ने कहा कि इस योजना से जब हमारा गांव, हमारी जमीन, हमारी नदी को ही मारा जा रहा है तो हम चुनाव में भाग लेकर क्या करेंगे। लोगों ने जिले के जनप्रतिनिधयों की इस मुद्दे पर चुप्पी के प्रति भी आक्रोश प्रकट किया। ग्रामीणों ने आंदोलन के अगले चरण में चुनाव बहिष्कार के बैनर व पोस्टर लगाने, बेलीपार में राष्टीय राजमार्ग को जाम कर धरना देने का प्रस्ताव किया जिसे स्वीकार कर लिया गया।

राप्ती नदी की धारा बदलने की योजना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पढने के लिए यह लिंक देखें 

http://gorakhpurnewsline.com/what-is-being-changed-for-the-stream-of-rapti-river/

इस मौके पर बेला गांव के प्रधान बृजेश सिंह, कतरारी के पूर्व प्रधान माधो पासवान, भीटी के पूर्व प्रधान सुर्दशन चैहान, भीटी के पूर्व प्रधान कृष्ण बल्लभ सिंह, सच्चिदानंद शुक्ल, मारकंडेय शुक्ल, अष्टभुजा शुक्ल, पंडित शुक्ल, अरूण कुमार शुक्ल, गंगा सागर, बेचन, टिटू शुक्ल, प्रमोद शुक्ल, झीनक, नंगा, प्रेमनाथ, मंगल यादव, लालजी यादव, अनिल यादव, गब्बर, शुभम शुक्ल, झीनक, जंगनाथ शुक्ल, श्रीधर सिंह एडवोकेट, राजेश सिंह, आदि उपस्थित थे।

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