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आरटीई एक्ट को नहीं मान रहे कान्वेंट स्कूल, गरीब बच्चों के एडमिशन से इंकार

अभिभावक स्कूल व बेसिक शिक्षा विभाग का चक्कर लगाने को मजबूर
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 1 जून । गरीब व असहाय बच्चें कान्वेंट स्कूल में पढ़ सकें  इसलिए निःशुल्क एवं अनिवार्य  शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 पास किया गया लेकिन सरकार की मंशा पर कान्वेंट स्कूल पानी फेर रहे है। प्रशासन के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है।
सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड द्वारा संचालित 21 चयनित स्कूलों में शामिल  स्कूल या तो एडमिशन से साफ इंकार कर रहे है या टाल रहे है। नगर शिक्षा अधिकारी के यहां रोज इन स्कूलों की शिकायत आ रही है। अधिकारी उचित कार्यवाही करने का आश्वासन देकर अभिभावकों को टाल रहे है। 16 मई को जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश निर्गत जारी किया गया कि तीन कार्य दिवस के अर्न्तगत एडमिशन लिया जाय  लेकिन जून माह शुरू हो गया एडमिशन नहीं हो पाया।
शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009  की धारा 12(1) (ग) के तहत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को कान्वेंट की शिक्षा दिए जाने का उल्लेख करती है। कान्वेंट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें दुर्बल समूहों के बच्चों के लिए आरक्षित है। सारा खर्चा सरकार द्वारा उठाये जाने का प्राविधान है।
पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस बाबत आवेदन मांगे गए। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी शमिल है। कमेटी ने 507 बच्चों का चयन कान्वेंट स्कूलों के लिए किया। इसमें 21 सीबीएसई व 81 बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों से तो शिकायत नहीं मिली। बल्कि सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित कान्वेंट स्कूल प्रवेश लेने से साफ इंकार कर रहे है।
नाम ना छापने की शर्त एक अभिभावक ने बताया कि सिविल लाइंस स्थित एक स्कूल जाने पर प्रबंधक महोदय ने कहा एडमिशन खत्म हो चुका है। कोई प्रवेश नहीं होगा। मैं बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात कर लूंगा। इस विद्यालय के लिए 12 बच्चों का चयन हुआ है। इसी तरह गोरखनाथ क्षेत्र के एक स्कूल ने  अभिभावक से सीधे मुहं बात नहीं की  कहा गया 25 जून के बाद आईऐगा तब देखा जायेगा। जबकि आदेश में लिखा है कि आदेश होने के तीन कार्य दिवस में उक्त स्कूलों में प्रवेश हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नगर शिक्षा अधिकारी के पास हॉलमार्क स्कूल की शिकायत लेकर आये अभिभावक ने भी बताया कि स्कूल ने एडमिशन लेने से साफ इंकार कर दिया है।
नगर शिक्षा अधिकारी ब्रहमचारी वर्मा ने बताया कि कुछ कान्वेंट स्कूलों से शिकायत मिल रही है। खासकर एचपी पब्लिक स्कूल वाले साफ इंकार कर रहे है। जुलाई तक का सबको दिया गया है। अगर चयनित बच्चों का प्रवेश नहीं लेते हैं तो उक्त अधिनियम के तहत नियमानुसार  कार्यवाही की जायेगी।