आमी ,राप्ती , रोहिन नदी और रामगढ़ ताल में प्रदूषण रोकने में लापरवाही और आदेशों का पालन न करने पर कड़ी फटकार लगायी
गोरखपुर, 23 मार्च. आमी ,राप्ती ,रोहिन नदी एवं राम गढ़ ताल के प्रदूषण को रोकने में लापरवाही और आदेशों का पालन न करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आज प्रदेश सरकार पर एक लाख और गोरखपुर नगर निगम पर पञ्च लाख का जुर्माना लगा दिया.
आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्व विजय एवं मीरा शुक्ला द्वारा दायर याचिका पर आज प्रिंसिपल बेंच में सुनवाई के दौरान जस्टिस जावेद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले आदेशो का पालन न करने पर उ प्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई. एनजीटी ने सभी अथॉरिटीज को निर्देश जारी किया कि प्रदूषण रोकने एवं कचरा निस्तारण हेतु ठोस योजना कार्यवाही के साथ 10 मई को कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें.

30 जनवरी को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने गीडा ,नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मगहर और खलीलाबाद टाउन एरिया, उत्तर प्रदेश सरकार सहित विभिन्न विभागों से आमी, राप्ती, रोहिन और रामगढ़झील के प्रदूषण पर रोक की ठोस कार्ययोजना बनाने और उस पर तत्काल कार्यवाही शुरू करने को कहा था। इन संस्थाओं से नदियों और झील में शहरी और औद्योगिक कचरे के बिना शोधन निस्तारण पर तत्काल रोक लगाने का आदेश भी दिया था। इन्हें ठोस योजना एवं कार्यवाही के साथ आने को कहा था किंतु वे कोई योजना प्रस्तुत नहीं कर सके.
आमी बचाओ मंच के संयोजक विश्वविजय सिंह और उनके अधिवक्ता दुर्गेश कुमार पांडेय ने बताया कि एनजीटी में विश्वविजय सिंह बनाम उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मीरा शुक्ला बनाम नगर निगम गोरखपुर और सुनीता पांडेय बनाम भारत सरकार तीनों मामलों की एक साथ सुनवाई हो रही है।