Thursday, June 8, 2023
Homeसमाचारजनपदनदी की धारा मुड़ने के बाद निकली जमीन पर कब्जे की कोशिश...

नदी की धारा मुड़ने के बाद निकली जमीन पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं भू माफिया

निचलौल (महराजगंज), 18 जून। निचलौल तहसील क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में नारायणी की कटान से नदी में विलीन हुये खेत अब नदी की धारा के मुड़ने के बाद पुनः नदी के पाट के रूप में निकल आयी है। सिल्ट से पटे खेतों पर पूर्व के भूमिधरी किसान जहां अपना दावा पेश कर रहे है तो वही वन विभाग भी नदी की धारा में विलीन हुये वनभूमि पर पुनः अपना कब्जा चाह रहा है।

इन सब के बीच क्षेत्र के कुछ चर्चित भूमाफियाओं की नजर भी उक्त जमीनों पर गडी है वह भी जमीनों पर कब्जे को लेकर जोर आजमाईश शुरु कर दिये है। इसे लेकर सीमावर्ती क्षेत्र माहौल धीरे धीरे गर्माने लगा है। तो वहीं दूसरी तरफ गरीब भूमिहीन मजदूरों से जमीन पट्टा कराने के नाम पर राजस्व कर्मियों की शह पर कुछ चर्चित दलाल वसूली का खेल भी शुरु कर दिय हैं।
नेपाल से निकलने वाली नारायणी गंडक नदी अपने सर्पीले चाल की वजह से अक्सर दिशा बदल कर बहती है। बीते सालों में नदी की धारा बदलने से सैकडों किसानों की हजारों एकड भूमि नदी में विलीन हो गई। इसके बाद मची हाय तौबा के बाद सिचाई विभाग ने एनसी बांध पर चार ठोकर व परकोपाईन आदि लगाकर नदी की धारा को पुनः डाईवर्ड किया। इससे एक बार फिर नदी के बहाव का रुख परिवर्तन हुआ है जिससे हजारों एकड भूमि नदी पेटे से बाहर पाट में तब्दील हुई है जिसपर कब्जे को लेकर जोर आजमाईश शुरु हो गयी है।एक तरह पूर्व में काबिज किसान जमीन पर अपना मालिकाना हक जता रहे है तो दूसरी तरफ वन विभाग की अपनी भूमि की तलाश कर रहा है।इन दोनो के बीच क्षेत्र के कुछ चर्चित भूमाफिया भी उक्त जमीन पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments