Wednesday, May 31, 2023
Homeसमाचार' बोल कि लब आजाद हैं तेेरे ' कार्यक्रम में...

‘ बोल कि लब आजाद हैं तेेरे ‘ कार्यक्रम में 20 कवियों ने कविताएं पढीं

जनवादी लेखक संघ के इस आयोजन में साहित्यकारों ने अभिव्यक्ति की आजादी पर आ रहे खतरे के प्रति सचेत किया
गोरखपुर, 2 मई। जनवादी लेखक संघ की गोरखपुर जिला इकाई ने 30 अप्रैल को प्रेस क्लब के सभागार में बोल कि ‘ बोल कि लब आजाद हैं तेेरे ’ कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें 20 कवियों ने काव्य पाठ किया।
जनवादी लेखक संघ ने देश और विशेेषकर उत्तर प्रदेष में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे के मद्देनजर यह कार्यक्रम आयोजित किया था। इस मौके पर जलेस के जिला सचिव कवि प्रमोद कुमार ने कहा कि साहित्यकार अभिव्यक्ति पर आनेवाले खतरे को समय से पहले ही पहचान लेता है। रचनाकारों से भी सरकारी नीतियों के समर्थन, राष्ट्रवादी होने की अपेक्षा की जा रही है। उसकी पूर्ति करने वालों को पुरस्कार व अशर्फियां बांटी जा रही हैं लेकिन, साहित्यकारों के सामने साहित्य का एक सुदृढ इतिहास है। आज का साहित्य यथार्थ व जीवन अनुभव के मुकाम पर पहुँचा हुआ साहित्य है, वह सत्ताधारियों के इशारे पर न रीति काल व वीरगाथा काल में वापस जा सकता है , न द्वितीय विश्व युद्ध में दफन हो चुके राष्ट्रवाद का गुणगान ही कर सकता है।
काव्य पाठ की समाप्ति पर कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो अनन्त मिश्र ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर किसी प्रतिबन्ध की घोषणा भले ही न हुई हो, लेकिन सभी पढ़ने लिखनेवाले इस खतरे का अनुभव कर रहे हैं। कभी भी किसी भी लेखक को राष्ट्र विरोधी करार देकर उससे आज़ादी छीनी जा सकती है। उसके प्रतिकार में आज इस कार्यक्रम में दिखा कि कवि समय व समाज से रिश्ता बनाये हुए हैं।

d4b17c4c-efd7-4975-9206-02c7cf019d70

वरिष्ठ कथाकार मदन मोहन ने पढ़ी गई रचनाओं में व्यक्त सामाजिक सरोकारों को रेखांकित किया और कहा कि यह आश्वस्तकारी है। उन्होंने नये कवियों के परिदृश्य में आगमन एवं सभी काव्य रूपों में लक्षित रचनात्मकता की सराहना की।
कार्यक्रम में हिन्दी-उर्दू के रचनाकारों- वरिष्ठ शायर महेश अश्क, वरिष्ठ गीतकार केबी लाल कुँवर ,शायर सैयद आसिम रउफ, गीतकार वीरेंद्र दीपक, कवि महेंद्र नाथ श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार , वेद प्रकाश, सुरेश चंद, बीआर विप्लवी, कलीमुल हक, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, आसिफ सईद व युवा कवियों – डा संजय आर्य, विनय कुमार अज़ीज, प्रेमनाथ मिश्र, बृजेश राय, निखिल पाण्डेय, विनोद निर्भय, कुमार शैल, सौम्या द्विवेदी ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम में कथाकार रवि राय, प्रलेस के सचिव भरत शर्मा, प्रकाशक रवींद्र मोहन त्रिपाठी, उदय राज, अरुण गोरखपुरी आदि उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments