Wednesday, May 31, 2023
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रोहित वेमुला की याद में अम्बेडकर चौक पर प्रदर्शन , विश्वविद्यालय गेट पर कैंडिल मार्च

गोरखपुर, 18 जनवरी। रोहित वेमुला की शहादत की पहली बरसी पर 17 जनवरी को विभिन्न संगठनों ने कई कार्यक्रम कर उन्हें याद किया और उनके सपनों के भारत को बनाने के लिए संघर्ष का संकल्प लिया। पूर्वांचल सेना ने अम्बेडकर चैक पर प्रदर्शन किया तो गोरखपुर विशविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय गेट पर कैंडिल मार्च किया।
विश्वविद्यालय गेट पर दर्जनों छात्र रोहित वेमुला की तस्वीरों के साथ शाम को एकत्र हुए और कैंडिल मार्च किया। छात्र ’ रोहित तुम जिन्दा हो , आज हमारे सपनों में ’, ‘ रोहित की कुर्बानी बेकार नहीं जाने देंगे ’ के नारे लगा रहे थे। कैंडिल मार्च के बाद हुई श्रद्धाजंलि सभा को सम्बोधित करते हुए छात्र नेता भाष्कर चैधरी ने कहा कि रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या की गई। यह स्थिति गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी बनाने की कोशिश की जा रही है। सत्येन्द्र भारती और धन्नजय आर्य ने मांग की कि रोहित एक्ट बनाकर इस तरह के सांस्थानिक उत्पीड़न को रोका जाए।

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गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अमन यादव ने कहा कि दलित व पिछड़े वर्ग का उत्पीड़न प्रत्येक विश्वविद्यालय में हो रहा है। केन्द्र सरकार हर विश्वविद्यालय का भगवाकरण करना चाहती है जिसे हम सफल नहीं होने देंगे। सभा को अमर सिंह पासवान, धीरेन्द्र प्रताप, पवन कुमार, कला संकाय प्रतिनिधि शिवम कुमार, नितेश कुमार, संदीप भारती, रामा यादव, आलिन्द, राधेश्याम, हरीश चन्द्र चौहान, रामकृपाल निषाद, सूरज कुमार, संदीप सिंह, हितेश सिंह, विश्वजीत सिंह, विवेक यादव, आदि ने सम्बोधित किया।

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दोपहर में पूर्वांचल सेना ने अंबेडकर चौराहे पर रोहित वेमुला की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि रोहित हमारे विचारों में जिन्दा है। उसकी आवाज हम दबने नहीं देंगे । उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार देश में गैरबराबरी के विरुद्ध आवाज उठाने वालों की हत्याएं करवा रही है। रोहित वेमुला उसी का शिकार हुआ । उन्होंने कहा कि आज रोहित वेमुला के शहादत को एक वर्ष पूरे हुये है पर सरकार ने केवल इस बात का पता लगाया कि रोहित एससी नहीं ओबीसी था। सरकार इस बात को उजागर नहीं होने देना चाहती की रोहित मौत को गले लगाने के लिए विवश क्यों हुआ ? उन्होंने कहा कि हम रोहित के सपनो को मारने नहीं देंगे चाहे कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़े ।

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