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‘ अंधेर नगरी ’ में दिखा अन्यायी सत्ता का क्रूर चेहरा 

प्रेमचन्द साहित्य संस्थान और अलख कला समूह द्वारा आयोजित सात दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण शिविर  के समापन अवसर पर नाटक का मंचन
गोरखपुर, 25 जून। प्रेमचन्द साहित्य संस्थान और अलख कला समूह द्वारा प्रेमचंद पार्क में आयोजित सात दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण शिविर  के समापन अवसर पर आज शाम 5.30 बजे प्रेमचंद पार्क के मुक्ताकाशी मंच पर भारतेन्दु हरिशचन्द्र के प्रसिद्ध नाटक ‘ अंधेर नगरी ’ का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन प्रशिक्षण शिविर के प्रशिक्षक पटना की चर्चित रंग संस्था हिरावल के युवा रंगकर्मी संतोष झा ने किया।
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  भारतेन्दु हरिशचन्द्र की यह कालजयी रचना पर अंगे्रजी राज व्यवस्था की न्याय प्रणाली पर कड़ा प्रहार करती है। चुटीले संवादों, दोहों, श्लोकों के माध्यम से राज व्यवस्था की विसंगतियों को उजागर करती है और साथ अन्यायी और क्रूर राज सत्ता की नष्ट हो जाने की घोषणा भी करती है। कथा में समय पुराना है लेकिन उसकी अन्र्तवस्तु आज के समय पर भी सटीक बैठती है। इसलिए इस नाटक की प्रासंगिकता हर समय में बनी रहती है। निर्देशक ने नाटक में कुछ प्रतीकों का प्रयोग का कर आज के सन्दर्भों में जोड़़ कर इसकी प्रस्तुति को बेजोड़ बना दिया जिसको दर्शकों ने बहुत पंसद  किया। अंधेर नगरी का चैपट राजा किसी आज के फासीवादी सत्ता के प्रतीक की तरह दिखता है और दर्शक सहज तौर पर उसे आज के सत्ताधीशों में उसका अक्स देखता है। नाटक में बाजार के दृश्य को आज के पूंजीवादी बाजार में बदल कर निर्देशक ने कल्पनाशीलता का परिचय दिया है।
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यह प्रस्तुति इस मायने में भी अलग रही कि नाटक में राजा सहित कई पुरूष पात्रों का अभिनय महिलाओं ने किया। नाटक में राजा की भूमिका पूजा, मंत्री ऋतु श्रीवास्तव, कोतवाल की भूमिका डा घनश्याम कुमार राव, गोवर्धन दास की भूमिका गंगा प्रसाद शुक्ल, गुरू की भूमिका रामनगीना प्रसाद, नारायण दास की भूमिका श्याम मोहम्मद, सिपाही की भूमिका राजवीर यादव और आर्यन यादव, कल्लू और कसाई की भूमिका अशोक मद्देशिया, भिश्ती और बनिया की भूमिका अनिल कुमार, चूने वाला की भूमिका आशुतोष पाल, हलवाई और गड़ेरिया की भूमिका विपिन कुमार, कारीगर की भूमिका सुमिरन जीत मौर्य, नारंगी वाला की भूमिका सुस्मिता मौर्य, मछली वाली, फरियादी और माडल की भूमिका शिवा त्रिपाठी ने निभायी।
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नाटक के मंचन के बाद प्रशिक्षण शिविर के सभी 16 प्रतिभागियों में प्रमाण पत्र का वितरण जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मदन मोहन, जन संस्कृति मंच की गोरखपुर इकाई के अध्यक्ष जगदीश लाल ने वितरित किया। कार्यक्रम का संचालन अलख कला समूह के निदेशक अशोक चौधरी ने किया। प्रशिक्षण शिविर का प्रारम्भ 21 जून को हुआ था। इसमें प्रतिभागियों ने भाग लिया जो 12 से 6 वर्ष की आयु के थे। इस मौके पर अलख कला समूह के कलाकारों ने दो जनगीत भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अंत समाजवादी चिंतक व वरिष्ठ पत्रकार गुंजेश्वरी प्रसाद के निधन पर एक मिनट मौन रख उनको श्रद्धाजंलि दी गई।

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