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अमनमणि के खिलाफ आपराधिक अवमानना की नोटिस, एसपी को हाईकोर्ट में हाजिर करने का आदेश

कोर्ट रूम में अमरमणि के बेटे अमनमणि द्वारा साजिद को धमकी देने पर हुई होईकोर्ट का कड़ा रूख
दुर्गा आयल मिल के सम्बन्ध में अवमानाना वाद की सुनवाई के बाद हुई घटना

महराजगंज, 26 मई। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने आज पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी को आपराधिक अवमानना की नोटिस देते हुए महराजगंज के एसपी को उन्हें 6 जुलाई को अदालत में हाजिर करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश अमन मणि त्रिपाठी द्वारा अब्दुर्रहमान उर्फ साजिद के साथ कोर्ट रूम में गाली गलौच और धमकी देने की शिकायत पर दिया। यह घटना नौतनवा स्थित दुर्गा आयल मिल पर पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के कब्जे के केस में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के तुरन्त बाद हुई।
हाईकोर्ट ने इस केस के वादी साजिद को पूरी सुरक्षा देने के लिए भी रजिस्ट्रार जनरल और इलाहाबाद के एसएसपी को आदेश दिया।
नौतनवां स्थित दुर्गा आयल मिल पर पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के कब्जे को न हटाने के मामले में मिल के मालिक महावीर कमेलिया के प्रतिनिधि अब्दुर्रहमान उर्फ साजिद ने हाई कोर्ट में अवमानना वाद दखिल किया था जिसकी सुनवाई न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की बेंच में हो रही है। अदालत ने 17 मई को महराजगंज के डीएम और एसपी को 23 मई को पूर्व मंत्री का कब्जा हटा कर वादी को कब्जा देने और खुद अदालत में उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने को कहा था।

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हाई कोर्ट के आदेश पर दुर्गा आयल मिल से 23 मई को पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी का कब्जा हटाया गया था लेकिन वादी महावीर कमलिया के प्रतिनिधि साजिद का कहना है कि भवन के उत्तरी हिस्से का कब्जा उन्हें नहीं सौपा गया है

हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीएम और एसपी ने खुद नौतनवां जाकर दुर्गा आयल मिल से पूर्व मंत्री का कब्जा हटाया और महावीर कमालिया के प्रतिनिधि साजिद को कब्जा सौंपा। लेकिन भवन परिसर का उत्तरी हिस्से का कब्जा साजिद को नहीं सौंपा गया। प्रशासन का यह कहना था कि चूंकि उसने यह हिस्सा एलाटमेंट नहीं किया था, इसलिए वह उसके बारे में उत्तरदायी नहीं है जबकि साजिद का कहना था कि पूर्व मंत्री ने एलाटमेंट के नाम पर पूरे भवन परिसर पर कब्जा कर लिया था। एलाटमेंट खारिज हो जाने के बाद उन्हें सम्पूर्ण भवन परिसर का कब्जा मिलना चाहिए। उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज करायी लेकिन प्रशासन ने नजरअंदाज कर दिया।

आज सुनवाई के दौरान डीएम और एसपी अदालत में उपस्थित हुए और आदेश का अनुपालन करना बताते हुए हलफनामा दिया। साजिद के अधिवक्ता राकेश कुमार गुप्त ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि भवन परिसर के एक हिस्से पर अभी भी पूर्व मंत्री का कब्जा है और उसे वादी को नहीं सौंपा गया है। इस पर अदालत ने उन्हें डीएम के हलफनामे का जवाब दाखिल करने का अवसर देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 6 जुलाई तय कर दी।

 

अमर मणि त्रिपाठी
अमरमणि त्रिपाठी

सुनवाई के बाद साजिद कोर्ट रूम में ही थे कि वहां मौजूद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि से उनका सामना हुआ। साजिद का आरोप है कि अमनमणि और उनके दो साथियों ने उनके साथ उनसे गाली गलौच की और धमकी दी। इस घटना की सूचना उनके अधिवक्ता राकेश कुमार गुप्त ने अदालत को दी। इस पर अदालत ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की नोटिस जारी करते हुए उन्हें अदालत में उपस्थित होकर बताने को कहा कि उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों किया। जज ने महराजगंज के एसपी को अमनमणि को 6 जुलाई को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया। जज ने इलाहाबाद के एसएसपी को साजिद को इलाहाबाद में पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
साजिद ने आरोप लगाया कि डीएम के आदेश के बावजूद एसपी ने उनका गनर वापस ले लिया है। भवन परिसर पर कब्जा मिलने के बाद उनकी गाड़ी से एक इनोवा चालक ने खतरनाक ढंग से टक्कर मारने की कोशिश की। उसे पकड़ कर पुलिस को सौंपा गया फिर भी उसे छोड़ दिया गया। उसका लगातार पीछा किया जा रहा है और जान से मारने की कोशिश की जा रही है। उसने इसकी जानकारी एसपी को दी है लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

अमन मणि पर अपनी पत्नी सारा की हत्या का आरोप है और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है । इस मामले में वह गिरफ्तार भी हुए थे और कुछ दिन पहले ही रिहा हुए हैं। उनके पिता और माँ कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में आजीवन कारावास की सजा कट रहे हैं।

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