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इन्डो-नेपाल बार्डर के बाज़ारों में सन्नाटा, मनी एक्सचेंजरों के करोड़ों रुपए डंप

अरुण वर्मा

ठूठीबारी (महराजगंज), 10 नवम्बर। आठ नवम्बर की रात से 500-1000 के नोटों के प्रचलन पर लगी रोक से भारत-नेपाल सीमा पर कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बुधवार की सुबह से ही सीमाई मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ दिखा। सबसे ज्यादा परेशान बार्डर पर नेपाली करेंसी को भारतीय व भारतीय करेंसी को नेपाली में बदलने वाले मनी एक्सचेंजरों को हुई है।

 मंगलवार की आधी रात 500-1000 के नोटों का प्रचलन बंद करने की जानकारी होते ही भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित ठूठीबारी , बरगदवा व सोनौली के मार्केट में सन्नाटा पसर गया | बुधवार को 500-1000 का नोट किये आये ग्राहक जहां एक ओर निराश होकर वापस जाते दिखे वही भारतीय क्षेत्र के दुकानदार दुकाने बंद कर ग्राहकों को समझाते हुए दिखे कि आप नेपाली पैसा लेकर आइये अन्यथा यहाँ  500-1000 का नोट नहीं लिया जायेगा।  ठूठीबारी में स्थित पंकज इलेक्ट्रिक के प्रोपराइटर राजेश रौनियार ने कहा कि सरकार के इस फैसले क हम स्वागत करते है पर ग्राहकों को हो रही परेशानी से हम चिंतित हैं।  ठूठीबारी का मार्केट नेपाल पर ही निर्भर है। ऐसे में हमें दिक्कत हो रही है।

दूसरी और अवैध रूप से नेपाली को भारतीय व भारतीय को नेपाली करेंसी में बदलने का काम करने वालों की तो पैरों तले जमीन ही ख़िसक गई है। प्रतिदिन नेपाल बार्डर पर करोड़ों का अवैध कारोबार मनी एक्सचेंज के रूप में किया जाता रहा है जिसमे 5 प्रतिशत पर नोटों को कन्वर्ट किया जाता है | अचानक हुए इस फैसले से सीमाई क्षेत्रो में   500-1000  के करोड़ो रुपये डंप हो गए हैं। कारोबारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें।

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