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कठुआ-उन्नाव की घटना के खिलाफ प्रदर्शन

गोरखपुर। स्टुडेन्ट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन आॅफ इण्डिया गोरखपुर, एपीसीआर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट तथा अन्य सामाजिक संगठनों के तत्वावधान में शनिवार को गांधी प्रतिमा, टॉउनहाल पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के खिलाफ और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन किया।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मसीहुज्जमा ने कहा कि कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी और हत्या से पूरा देश हिल गया है। उसी तरह उन्नाव की घटना ने भी हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सत्ता के नशे में चूर लोग किस तरह समाज के ताने बाने और महिलाओं की इज्जत को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं।  इन दो घटनाओं के इलावा भी देश में कई स्थानों पर इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही है और हम तमाशबीन बने हुए हैं। सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों के लिए इन घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन समाज में अब भी इंसानियत बाकी है इसलिए लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए अपने गम व गुस्से का इजहार कर रहे हैं।  सत्ता के लोगों को केवल वोट बैंक की राजनीति और साम्प्रदायिक माहौल पैदा कर राजनीतिक फायदा उठाने से मतलब है। इस मुद्दे में भी यही कुछ हुआ।

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उन्होंने कहा कि आठ साल की बच्ची को इंसाफ दिलाने की जगह हिन्दू-मुस्लिम रंग दे दिया गया। आरोपियों के समर्थन में रैलियां निकाली गईं और गर्व से भाजपा के विधायक उसमे शामिल हुए। कितनी शर्म की बात है जब एक आठ साल की बच्ची का सामूहिक बलात्कार होता है और हत्या कर दी जाती है और सरकार खास विचारधारा के लोगों का बचाव करते नज़र आती है। उन्नाव में भी सत्ता के के नशे में चूर पीड़िता के बाप को पीट-पीट कर मार दिया जाता है और सरकारें अपने विधायक को ही बचाने पर लग जाती है। लेकिन न्याय पालिकाएं जिस तरह से इन मसलों पर त्वरित संज्ञान ले रही है उससे न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।  एक सभ्य समाज में इन घिनौनी हरकतों का समर्थन करना हमारी नैतिक पतन का प्रतीक है। नफरत की ऐसी घटिया राजनीति हमारे भाईचारगी, मुहब्बत और सामाजिक सद्भाव को खत्म कर देगी  इसलिए हम सबको आना होगा और मिलकर आवाज उठाना होगा। इसी मुद्दे पर गोरखपुर की अमन पसंद जनता सड़कों पर उतर रही है।

एसआईओ गोरखपुर के अध्यक्ष फैजान सरवर, दलित युवा नेता अमर पासवान, यूथ स्ट्रेन्थ सोसाइटी के अबूज़र मोहसिन एवं कांग्रेस के विनोद और सपा के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचारों को प्रकट किया। इस अवसर पर औसाफ अहमद, सैफ अहमद, मो. आकिब, आशीष कुमार, राज़िक खान, काशिफ खान आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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