जनपद

कला-संस्कृति पर हमला है इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन पर हमला – रिहाई मंच

लखनऊ 4 अक्टूबर। रिहाई मंच ने इंदौर में इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन में संघ कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसक हमले को कला-संस्कृति पर हमला करार दिया है।

रिहाई मंच लखनऊ प्रवक्ता अनिल यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर आतंकवादी गोडसे की मूर्ति लगाने वालों द्वारा इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन पर हमला कोई आश्चर्यजनक नहीं है। यह त्रिशूलधारी वह संस्कृति है जिसने सांप्रदायिक सौहार्द का बीज रोपने वाले राष्ट्रपिता को बर्दाश्त नहीं कर पाई वह कैसे एक प्रगतिशील लोक कला और संस्कृति को बर्दाश्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि इप्टा जैसे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगठन पर यह हमला बताता है कि दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी के हत्यारे देश निर्माण की हर उस प्रक्रिया को चकनाचूर करना चाहते हैं जो उनके हिंदू राष्ट्र के एजेेण्डे के आड़े आता है। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार जो व्यापम जैसे बड़े घोटाले करवाती है वह ऐसे हमले करवाकर जनता को मूल सवालों से भटकाकर संघी राष्ट्रवाद पर बहस करवाना चाहती है।

इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने कहा कि जिस तरह से गांधी जयंती पर गोडसे की मूर्ति मेरठ में लगाई गई और साध्वी प्राची ने राष्ट्रपिता पर टिप्पणी की इनके खिलाफ राज्य द्रोह का मुकदमा पंजीकृत किया जाए।

Related posts