आम आदमी बैंकों पर लाइन में खड़ा , काला धन वाले सराफा बाजार और विदेशी मुद्रा कारोबारियों के शरण में
विनोद शाही
गोरखपुर, 11 नवम्बर। मोदी सरकार की 1000-500₹ की नोटब॔दी के फैसले के चलते बाजार मे भूचाल आ गया है। आम आदमी अपनी रोजमर्रा जरूरत पूरी करने के लिए गुरूवार और शुक्रवार को बैंक पर लाइनों मे खड़ा था। वही एक दूसरा तबका भी दिखा जो गाड़ियों मे 1000-500₹ के नोटो से भरा बैग लिए कभी सराफा बाजार या फिर विदेशी मुद्रा कारोबारियों के यहां चक्कर लगा रहा था। सौदा पटा तो बैग खाली। आलम यह था कि सोना शाम तक 52हजार ₹ प्रति दस ग्राम तो वहीं डालर 90 से100₹ तथा सऊदी रियाल का भाव रिकार्ड 25₹ तक पहुंच गया। कई लोग किसी भाव पर खरीद लेना चाहते थे मगर माल खत्म हो गया और वे हाथ मलते रह गये।
सरकार के नोटब॔दी के फैसले से आम लोग थोड़ी दिक्कत उठाकर भी खुश हैं मगर घर मे नोटो का पहाड़ देखकर इतराने वालों के मानों बुरे दिन आ गये। ऐसे लोग काले धन को सफेद करने मे जुटे जरूर हैं मगर इस ‘सफेदी’ के लिए उन्हे बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। देश मे होने वाली हर उलटफेर का फायदा उठाने वाले बड़े व्यापारी इस बार भी पीछे नही है। बाजार मे 100-50₹ के नोटो की कमी के कारण बिक्री भले ही न हो मगर 1000-500₹ की गड्डियों की संख्या और बैग के साईज दोनों बढ़ गया है। गुरूवार को बैंको पर यह नजारा आम था। खबर मिली कि सेठजी का आयकर मे टर्नओवर लम्बा-चौड़ा है और लिमिट भी लाखों-करोड़ो की है, इसीलिए खातों का पेट भरा जा रहा है। वैसे कई व्यापारियों ने बताया कि बाजार मे उधारी थी और जो लोग तकाजे के बाद भी रकम नही दे रहे थे वे अब जबरन धन भिजवा रहे है ,अस्वीकार करने पर साफ कह रहे हैं कि ‘तब हम पैसा नही देंगे’।ऐसे मे कई व्यापारी 1000-500₹ की नोट ले ले रहे हैं। दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा भी है जो चहेते अफसर और डॉक्टर साहब का काला धन मंगवाकर अपने बैंक खाते मे जमा करवा रहा है। इस धन की खूब बन्दरबांट भी हो रही है। मसलन इसपर 32% टैक्स तथा कई महीने बाद वापसी की शर्त लगायी जा रही है, साहब इस पर भी गदगद हैं, चलो कुछ तो सफेद हुआ।
सोने और काले धन का अटूट रिश्ता है। यह मंगलवार की शाम से ही दिखने लगा था। बुधवार और गुरूवार की शाम तक सोना अपने जीवन के सबसे उच्च शिखर पर पहुंच गया। यह 52 लाख ₹ प्रति किलो मे खरीदा गया। 1000-500 ₹ के नोट बंद हैं मगर सोना इसी नोट से खरीदा गया,वर्ना इसका वाजिब भाव तो 31 लाख के आसपास ही है। इस सब हेरा-फेरी के बीच-बीच मे आयकर विभाग ने यहां छापा मारा वहां मारा ऐसी सूचना खूब टहल रही थी मगर यह सिर्फ अफवाह थी। इसका असर इतना था कि साहबगंज, उर्दू बाजार और गोलघर स्थित बलदेव प्लाजा मे सोना-चांदी और मोबाईल शाप बन्द हो गयीं।
काला धन वालों की नजर सोने के बाद विदेशी मुद्रा पर भी पड़ी तो बैंक रोड पर रौनक और बढ़ गयी।यहां शाम तक 1000-500₹के नोट से खरीदने पर डालर 85 से 100₹ तक उछल गया। यही हाल सऊदी रियाल का भी रहा वह 18 से पलक झपकते 25₹ पर पहुंच गया। सरकार के फैसले से कौन नाराज और कौन खुश है यह भविष्य के पास सुरक्षित है लेकिन नोटबंदी के फैसले से नींद आम आदमी और ईमानदार की नही सिर्फ बेईमानों और कालाबाजारियों की उड़ी है।