जनपद

खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करता है त्रिशरण, पंचशील व आष्टंगिक – गणेश शंकर पाण्डेय

देवदह मे बौद्ध सम्मेलन का चौथा दिन
लक्ष्मीपुर (महराजगंज ), 18 अक्टूबर. देवदह बौद्ध विकास समिति के तत्वाधान मे आयोजित बौद्ध सम्मेलन व प्रवज्जा कार्यक्रम देवदह में चौथे दिन मंगलवार को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधान परिषद सभापति गणेश शंकर पांडेय ने अपने सम्बोधन मे कहा कि गौतम बुद्ध के त्रिशरण, पंचशील व आष्टांगिक मार्ग पर चल कर जीवन को  खुशहाल बनाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि बुद्ध ने मोक्ष नही बल्कि निर्वाण की बात कही है। निर्वाण का अर्थ है राग, द्वेष, लोभ, क्रोध से मुक्त जीवन। बौद्ध धर्म का उद्देश्य सभी प्राणियों की समाज मे कल्याण व आत्मसम्मान है।

उन्होंने कहा कि इस धर्म में  हिंसा का कोई स्थान नही है। गौतम बुद्ध ने कहा था कि जीवन से दुःख का लोप करने के लिये लोभ का लोप करना होगा। सारे कष्ट का कारण लोभ ही है।

bauddh bhikshu

सम्मेलन का संचालन समिति के अध्यक्ष जितेंद्र राव ने किया। इस अवसर पर सारनाथ के भंते रत्नाकर, महानाम, नन्दरतन, धम्मपाल, महिपाल,  शुभसागर, आनन्द, ग्यानशील,  राजाराम, महेंद्र जायसवाल, लक्ष्मीचन्द्र पटेल,  प्रह्लाद, रामबेलास, दीनानाथ, योगेंद्र, रामलगन, संतराम, अखिलेश, ईश्वर निगम आदि मौजूद रहे।

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