जनपद

चन्द्रशेखर हत्या कांड के खुलासे का दावा, दो गिरफ्तार

तीसरा अभियुक्त अभी भी पकड़ से बाहर
महराजगंज, 4 अक्तूबर. पुलिस ने सिसवा के चन्दशेखर हत्या कांड के खुलासे का दावा किया है। पुलिस ने प्रह्लाद तथा असलम को चन्द्र शेखर का हत्यारा बताते हुए उन्हें एक कट्टा, एक तमंचा तथा चार कारतूस और हत्या में प्रयुक्त बाइक के साथ पकड़ने का दावा किया है.

सिसवा निवासी चन्द्रशेखर की 24 अगस्त की रात सिसवा बाजार स्थित प्रेम चित्र मंदिर के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
घटना के पर्दाफाश को लेकर विभिन्न संगठनों व राजनीतिक दलों द्वारा आंदोलन किया गया। वर्क आउट में देरी होने पर एक दारोगा पर गाज भी गिरी।
पुलिस के लिए चुनौती बनी चन्द्र शेखर हत्या कांड के पर्दाफाश के लिए पुलिस कप्तान ने कोठीभार पुलिस के साथ सर्विलांस टीम को भी लगाया था।
थानाध्यक्ष कोठीभार मनीष कुमार ने बताया कि मुखबिर के जरिये सूचना मिली कि पशु तस्करी में कई बार जेल जाने वाला मुकामी  थाना क्षेत्र के ग्राम असमन छपरा निवासी  एक व्यक्ति बाइक से बिहार के दो साथियों के साथ सिसवा में घूम रहा है।
इस सूचना पर सर्विलांस टीम सक्रिय हुई तो मोबाइल बीटीएस के माध्यम से बाइक सवार तीनों को लोकेट कर लिया गया । पुलिस टीम ने गुरली रमगढवा -कटहरी मार्ग पर 3 अल्तूबर की रत डिग्री कालेज के पास एक बाइक पर सवार तीन व्यक्तियों को पकड़ने की कोशिश की. इसमें से एक व्यक्ति अंधेरे का लाभ उठा कर भाग गया जबकि दो को पकड़ लिया गया.

पकडे गए व्यक्तियों में एक कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम असमन छपरा का प्रह्लाद तो दूसरा असलम पश्चिमी चंपारण के जोगापट्टी थाना क्षेत्र के ग्राम  रूदलपुर का निवासी है। भागने में सफल व्यक्ति इद्रीश उर्फ ग़यासुद्दीन पश्चिमी चंपारण के गोपाल गंज थाना क्षेत्र के ग्राम महेसरा का निवासी बताया गया।
पुलिस के अनुसार पुछताछ में  दोनों व्यक्तियों ने चन्द्र शेखर की हत्या करने की बात स्वीकार कर लिया लेकिन हत्या क्यों की गई, इस बारे में पुलिस ने ज्यादा कुछ नहीं बताया.

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