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‘ जाम हटाने जाते हैं तो नेता सरकार की धौंस देते हैं, क्या करें डीजीपी साहब ‘

 पुलिस चौपाल में पुलिस कर्मियों के सवाल पर निरुत्तर हुए चीफ सेक्रेटरी , डीजीपी और गृह सचिव 

गोरखपुर, 29 सितम्बर । गुलरिहा थाने पर  आयोजित पुलिस कर्मियों की चौपाल में पुलिस कर्मियों ने बेबाक अपनी बात रखी। पुलिस कर्मियों ने अपने कामकाज में राजनीतिक दखलंदाज़ी पर भी बात की लेकिन उनके इन सवालों पर चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी कुछ नहीं बोले।

मुख्य सचिव ने बेहतर पुलिसिंग को लेकर पुलिसकर्मियों से अपने विचार साझा किया।इस अवसर पर डीजीपी जावीद अहमद,प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा भी मौजूद रहे ।

गुलरिहा थाना में आयोजित चौपाल में चौरी चौरा थाने के सोनबरसा चौकी इंचार्ज बदरुद्दीन ने कहा कि शहर में जाम की समस्या आम है । जब हम जाम हटाने जाते हैं तो कोई न कोई नेता आकर अपनी सरकार का धौंस देता है। हम क्या करें ? उनके इस बात पर पर पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह तथा मुख्य सचिव कुछ नहीं बोले। बाद सहजनवा के उपनिरीक्षक चंद्रकांत पांडेय ने सवाल उठाया कि इस जनपद में जमीनी विवाद ज्यादे हैं, जिसके जिम्मेदार राजस्व कर्मी होते हैं, बावजूद इसके इन तरह के मामलों में पुलिस को घसीटा जाता है ।अगर हम किसी कारणवश राजस्व अधिकारी को आने के लिए कहते हैं तो वह मौके पर उपलब्ध नहीं होते हैं ।इसके जवाब में मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए समाधान दिवस बनाया गया है, ऐसे विवादों को समाधान दिवस के पटल पर रखे।

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सिकरीगंज थाना से आए उप निरीक्षक बृजेश तिवारी ने कहा कि अक्सर हमें कार्य के चलते संम्मन तामिला  व अन्य पेशियों पर जनपद के बाहर जाना होता है, किंतु ट्रेनों में तुरंत आरक्षण नहीं मिलता है और रोडवेज में भी यही समस्या है। गोरखनाथ थाने के कांस्टेबल मोहसिन खान ने सवाल उठाया कि सरकारी संपत्तियों की तोड़फोड़ होती है, तो जिम्मेदार मानते हुए हम पुलिसकर्मियों को ही विभागीय दंड मिलता है जबकि इसका जिम्मेदार कोई और होता है । इन सभी मामलों पर न  तो मुख्य सचिव न ही पुलिस महानिदेशक ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की ।

शाहपुर थाना क्षेत्र के सिपाही युगल तिवारी ने कहा कि थाने में महज एक वाहन उपलब्ध है जिसे थानेदार लेकर भ्रमण पर रहते हैं। ऐसे में कोई घटना हो जाती है तो पुलिसकर्मी घटनास्थल पर कैसे जाएं । इसके जवाब में मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि पूरे प्रदेश में 15 सौ थाने है । हर थाने को 2-2  चार पहिया वाहन उपलब्ध कराए जाने के आदेश निर्गत किए जा चुके हैं । 600 थानों को दो पहिया और चार पहिया वाहन दिया जा चुका है। बाकी को भी जल्द ही दे दिया जाएगा। चौपाल में महिला कांस्टेबल रेनू दुबे ने सवाल किया कि अधिकतर समस्याएं परिवारिक आती हैं जिन्हें हम समाधान करते हैं, किंतु उसमें भी स्थानीय लोग नेतागिरी करने लगते है।

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