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जेल में बंद बीमार बीआरडी मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र लखनऊ रेफर

चिकित्सक की सलाह के बावजूद डा. मिश्र को नहीं भेजा गया लखनऊ, जिला कारागार के अस्पताल में हो रहा है इलाज
गोरखपुर, 25 मार्च। बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में जेल में बंद पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र की तबियत खराब हो गई है। बीआरडी मेडिकल कालेज के चिकित्सक ने परीक्षण के बाद उन्हें इलाज के लिए डा. राम मनोहर लोहिया इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ भेजने की सलाह दी है लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अभी तक इलाज के लिए नहीं भेजा है। डा. मिश्र गोरखपुर जिला कारागार में ही हैं और वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि उनका समुचित इलाज हो रहा है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि डा. मिश्र को इलाज के लिए लखनऊ भेजने की सलाह दी गई है।

डा. राजीव मिश्र ह्दय रोग और डायबिटीज के मरीज हैं। उन्होंने जनवरी महीने में ही जेल प्रशासन से सीने में दर्द और रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत की थी। उनका कहना था कि जिला कारागार में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण उनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। उन्होंने 16 जनवरी को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण 3 को आवेदन देकर जिला प्रशासन को विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराने का आदेश देने का अनुरोध किया था। इस आवेदन में उन्होंने कहा था कि वह ह्दय रोगी हैं और वर्ष 2011 से उनका इलाज नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा है। अत्यधिक ठंड के कारण सीने और रीढ़ की हड्डी में दर्द बढ़ गया है लेकिन जिला कारागार में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण इलाज नहीं हो पा रहा है।

उनके आवेदन पर अदालत ने जेल प्रशासन को उनका इलाज विशेषज्ञ चिकित्सक से कराने का आदेश दिया था।

पांच दिन पहले उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। तब 19 मार्च को वरिष्ठ जेल अधीक्षक धनीराम ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल को पत्र लिखकर डा, राजीव मिश्र व एक अन्य वंदी का परीक्षण करने के लिए ह्दय रोग विशेषज्ञ को जिला कारागार के अस्पताल में भेजने का अनुरोध किया। एक दिन बाद जिला कारागार अस्पताल आए जिला अस्पताल के ह्दय रोग विशेषज्ञ ने डा राजीव मिश्र का परीक्षण किया और उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर भेजने की संस्तुति की।

जेल प्रशासन ने चार दिन बाद 24 मार्च को डा.राजीव मिश्र को इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज भेजा। बीआरडी मेडिकल कालेज में काफी समय से कोई ह्दय रोग विशेषज्ञ नहीं है। वहां पर मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डा. माहिम मित्तल ने डा.राजीव मिश्र का परीक्षण किया और कार्ट एंजियोग्राफी और स्टेस इको जांच की जरूरत बतायी। उन्होंने विशेषज्ञ कार्डियोलाजिस्ट की सलाह की जरूरत बताते हुए डा. राजीव मिश्र को राम मनोहर लोहिया इंस्टीच्यूट लखनऊ ले जाने की सलाह दी। डा राजीव मिश्र की जो जांच होनी है, वह गोरखपुर में उपलब्ध नहीं है।
डा.राजीव मिश्र को इलाज व परीक्षण के लिए लखनउ भेजने की सिफारिश के बावजूद उन्हें जेल प्रशासन ने नहीं भेजा है। डा. राजीव मिश्र जिला अस्पताल के चिकित्सालय में ही हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रामधनी ने 24 मार्च की शाम आठ बजे गोरखपुर न्यूज लाइन को बताया है डा. मिश्र ब्लड प्रेशर और मधुमेह के मरीज हैं। इसके बावजूद उन्होंने नवरात्र व्रत रखा है। इसके वजह से उनकी तबियत खराब हुई। उन्हें जिला अस्पताल के चिकित्सक से और बाद में बीआरडी मेडिकल कालेज दिखाया गया। उनका समुचित इलाज हो रहा है। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर भेजे जाने की संस्तुति की गई है।

डा. राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डा.पूर्णिमा शुक्ल को 29 अगस्त 2017 को कानपुर में गिरफ्तार किया गया था। तभी से दोनों जिला कारागार गोरखपुर में बंद हैं. डा. राजीव मिश्र के विरूद्ध 409, 308,120 बी आईपीसी, 7 /13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

डॉ राजीव मिश्र के साथ इस मामले के 8 अन्य आरोपी-डा. कफील खान , डा, पूूर्णिमा शुक्ल, गजानन्द जायसवाल, डा, सतीश कुमार, सुधीर कुमार पांडेय, संजय कुमार त्रिपाटी, उदय प्रताप शर्मा और मनीष भंडारी भी जेल में बंद हैं. गोरखपुर की अदालत से सभी की जमानत अर्जी ख़ारिज हो चुकी है. आरोपी हाई कोर्ट में जमानत के लिए गए हैं.

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