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फ्रेट कारीडोर के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने शुरू की भूख हड़ताल

भाकपा माले की अगुवाई में 11 जुलाई से जिला मुख्यालय पर किसान भूख हड़ताल पर बैठे

चंदौली, 15 जुलाई। डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर के लिए चंदौली जिले में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। किसानों ने भाकपा माले की अगुवाई में जिला मुख्यालय पर 11 जुलाई से शुरू किया 50 घंटे के भूख हड़ताल को अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील कर दिया।
भूख हड़ताल पर बैठे भाकपा माले के जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा ने बताया कि प्रशासन की ओर से एडीएम वार्ता करने आए थे और उन्होंने कहा कि मुआवजा चार गुना बढ़ा दिया गया है लेकिन जब हमने उसे आदेश की कापी मांगी तो वह कुछ दिखा नहीं सके। इस स्थिति में किसानों ने साफ कह दिया कि एडीएम चंदौली द्वारा किसानों की आपत्तियों की सुनवाई के बाद 8 नवम्बर 2001 को दिए गए निर्णय के मुताबिक मुआवजा और प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग को किसी हाल में नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसानों को भ्रमित करने के लिए तरह-तरह की अफवाह उड़ा रहे हैं।

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भूख हड़ताल पर उनके साथ किस्मत यादव, सुरेन्द्र प्रसाद, संजय यादव, राहुल सिंह, मनोज मौर्या आदि भी बैठे। हर दिन 100 किसान क्रमिक रूप से 50-50 घंटे की भूख हडताल पर बैठते हैं।
किसानों का जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन इस वर्ष के शुरूआत से संगठित रूप से धीरे-धीरे तेज होता गया है। भारतीय किसान सभा ने किसानों को संगठित कर 30 जनवरी को भूमि बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया। इसके बाद प्रभावित किसानों के संगठन किसान संघर्ष परिषद चंदौली का गठन हुआ। भाकपा माले, भारतीय किसान सभा और किसान संघर्ष परिषद ने 6 से 8 फरवरी तक गांवों में जनजागरण अभियान चलाने के बाद 25 फरवरी से छितो में अनिश्चतकालीन धरना शुरू कर दिया था। यह धरना लगातार चल रहा है। इसके बाबजूद प्रशासन द्वारा किसानों की मांग पर ध्यान नहीं देने के बाद आंदोलन के अगले चरण में अनिश्चितकाली भूख हड़ताल शुरू की गई है।