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दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले के खिलाफ भगत सिंह अम्बेडकर मंच का प्रदर्शन

‘ मनुवाद हो बर्बाद ’, ‘ ब्राह्मणवाद का नाश हो ’ के नारे से गूंजा डीएम कार्यालय

गोरखपुर, 30 अगस्त। देश में दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले के खिलाफ शहीद भगत सिंह डा. अम्बेडकर मंच ने डीएम कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए सभा की। इसके पहले मंच ने अम्बेडकर चौक से डीएम कार्यालय तक जुलूस निकला। मंच कार्यकर्ता ने डीएम कार्यालय को ‘ मनुवाद हो बर्बाद ’, ‘ ब्राह्मणवाद का नाश हो ’, ‘ दलितो, अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करो ’ के नारे से गूंजा दिया। धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दलित और वाम संगठनों के नेताओं ने भागीदारी की।
डीएम कार्यालय पर हुई सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ दलित नेता रामआसरे बौद्ध तथा संचालन श्रवण कुमार ने किया। सभा को भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, छात्र शैलेश कुमार, सचिन, आदर्श, दलित शिक्षक नेता राम प्रताप, महेन्द्र गौतम, अतुल प्रताप, रामसरन प्रताप, ध्रवनारायण बौद्ध, अधिवक्ता श्याम मिलन एडवोकेट, एपवा नेता जगदम्बा, मनोरमा चैहान, जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह, राधा गौड़, सीपीआई नेता डा, अदील अख्तर आदि ने सम्बोधित किया।
धरना-सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आते ही दलितों और अल्पसंख्यों पर हमले बढ़ गए हैं। दादरी से उना तक, हैदराबाद से चेन्नई तक की घटनाएं इसका प्रमाण हैं। भाजपा-आरएसएस बुनियादी रूप से ब्राह्मणवाद और मनुवाद के पोषक हैं। वे केवल दलितों का वोट लेने के लिए अम्बेडकर का नाम जपते हैं। वे दलितों और मुसलमानों को आपस में लड़ाने की भी कोशिश करते हैं लेकिन उना की घटना के बाद वहां के दलित आंदोलन ने न सिर्फ भाजपा-आरएएस द्वारा ओढ़े गए मुखौटे को उतार दिया है बल्कि गुजरात के तथाकथित विकास के माडल की सच्चाई को सामने ला दिया है। गुजरात के दलित आंदोलन में दलित आंदोलन को स्वाभिमान की लड़ाई के साथ-साथ जमीन और संसाधनों की हकदारी की लड़ाई से जोड़ दिया है। इस संघर्ष को मजबूत करना और आगे बढ़ाना ही आज की जरूरी कार्यभार है।
इस मौके पर प्रशासन को राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को सम्बोधित दो ज्ञापन दिए गए। राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन में दलितों को आजीविका के लिए जमीन व रोजगार देने, गोरक्षा समितियों पर प्रतिबंध लगाने, शिक्षण संस्थानों में दलित छात्रों के साथ भेदभाव रोकने के लिए रोहित वेमुला एक्ट बनाने और लागू करने, शिक्षा व स्वास्थ्य का निजीकरण बंद करने तथा समान शिक्षा प्रणाली पूरे देश में लागू करने, प्रत्येक भूमिहीन केा आवास के लिए दो डिस्मिल औरा खेती के लिए दो एकड़ भूमि देने आदि की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में सत्र 2016-17 के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्म के छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिर्पूिर्त तत्काल जारी करने, रूकी हुई छात्रवृत्ति जारी करने, गोरखपुर शहर की दलित बस्तियों में शौचालय, साफ-सफाई व पीने के शुद्ध पानी की गारंटी करने, जलजनिल बीमारियों की रोकथाम व इलाज के लिए सभी दलित वस्तियों मे मेडिकल कैम्प लागने, अंबेडकर चौक के गोलम्बर को यथावत रखने और तोड़े गए हिस्से को फिर से जोड़ने की मांग की गई है।

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