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दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी और समोसा बनाने वाले सिसवा की सड़कों का हाल तो देखिये

-बरसात में सिसवा के चहुँओर की सड़कों का निकला दम

–चारों तरफ की सड़कों पर गड्ढे ले चुके हैं नाले का रूप

गुफरान अहमद 

सिसवा बाजार (महराजगंज), 24 जुलाई। नौजवानों ने दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी और समोसा बना कर सिसवा का नाम तो पूरी दुनिया चर्चित कर दिया लेकिन सिसवा की सड़कों को यहाँ विधायक और सांसद ठीक नहीं करा पाये। सिसवा की तरफ जाने वाली सभी सड़कों का बहुत बुरा हाल है। एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश के चलते सिसवा के चारों ओर की सड़कों की दशा बिगड़ गयी है। सड़कों पर पहले से मौजूद गड्ढे नाले का रूप ले चुके हैं तो कहीं फिसलन से लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। सड़कों की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि आम जनमानस बरसात में दुपहिया वाहनों से सफर करने में परहेज़ कर रहे हैं।
क्षेत्र के सिसवा-घुघली मार्ग पर लोहेपार से लेकर बन्दी ग्रामसभा तक की सड़क पर पहले से ही जगह जगह गड्ढे थे। बरसात के चलते इस सड़क पर गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क छोटे नाले की तरह दिखायी दे रहा है। यहाँ सावन मास से बौरहवा बाबा स्थान पर कांवरियों का आना जाना लगा है। जो सड़क की दशा देख जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं।
दूसरी तरफ सिसवा ब्लाक रोड बद से बदतर स्थिति में पहुँच चुकी है। कुशीनगर जनपद को जोड़ने वाली इस सड़क पर प्रतिदिन ब्लाक प्रमुख, खण्ड विकास अधिकारी, ब्लाक कर्मियों, स्कूली बच्चों और पड़ोसी जनपद के ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न दिये जाने पर क्षेत्र संख्या 39 की जिला पंचायत सदस्य मनोरमा मल्ल ने विगत माह राबिश गिराकर गड्ढों को भरवाया था। मगर बरसात के बाद गड्ढों में पानी इस कदर भरा कि पूरा सड़क फिसलन वाला हो गया है। जिस रोज एक दर्जन से ऊपर लोग आते जाते गिर रहे हैं।
यही हाल जैनी छपरा से जनपद मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क का भी है। जैनी छपरा में पहले से ही जल जमाव में बरसात के पानी ने कोढ़ में खाज का काम कर दिया है। जिस पर जगह जगह सड़क तालाब के रूप में नज़र आ रही है। इसी मार्ग पर असमन छपरा टोले पर भी आधा किलोमीटर तक सड़क क्षतिग्रस्त होने से कीचड़ से पट चुकी है। कुछ यही हाल सिसवा-सिंदुरिया मार्ग पर खेखड़ा पुल से लेकर बिंदवालिया तक की सड़क में बन चुके गड्ढों में पानी भरने से सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
इसी प्रकार सिसवा-निचलौल मार्ग पर भी सिसवा खुर्द से लेकर जहदा तक सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। इस मार्ग पर भी गड्ढों में बरसात का पानी सड़क पर बह रहा है। सिसवा बुजुर्ग से होकर मठिया (कुशीनगर) को जाने वाली सड़क की भी यही दशा है। जगह-जगह बने गड्ढे और उसमें कीचड़ युक्त भरा पानी रोज दुर्घटना का वाहक बन रहा है।

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