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निलम्बित होने के बाद बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने पद से इस्तीफा दिया

कहा-उनकी ओर से कोई लापरवाही या गलती नहीं हुई, बच्चों की मौत से आहत हूं
गोरखपुर, 12 अगस्त। आक्सीजन की कमी होने से बीआरडी मेडिकल कालेज में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत को लेकर योगी सरकार ने लापरवाही बरतने के आरोप में कालेज के प्राचार्य राजीव मिश्रा को निलम्बित कर दिया। आज मेडिकल कालेज आए चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इसकी घोषणा की। इस घोषणा के कुछ देर बाद ही खबर मिली कि प्राचार्य ने नैतिकता के आधार पर प्राचार्य पद से त्यागपत्र दे दिया है।
आज सुबह मेडिकल कालेज पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और स्वास्थ्य मंत्री सिद्वार्थनाथ सिंह ने घंटे प्रशासनिक अधिकारियों व मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने प्राचार्य को निलम्बित करने की घोषणा की। उन्होंने प्राचार्य पर कर्तव्य पालन में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्हांेने कहा कि नौ अगस्त को मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्राचार्य ने आक्सीजन कम्पनी के बकाया के बारे में कोई बात नहीं रखी।
उधर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आक्सीजन की सप्लाई कुछ देर के लिए बाधित जरूर हुई लेकिन इसके कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। उन्होंने वर्ष 2015 और 2016 के अगस्त माह में बच्चों की मौत का आंकड़ा रखते हुए इस वर्ष होने वाली मौतों को सामान्य बताने की कोशिश की। उन्होंने इस प्रकरण की मुख्य सचिव से जांच कराने की भी घोषणा की।
उधर प्राचार्य राजीव मिश्र ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कहना है कि इंसेफेलाइटिस वार्ड में बच्चों की मौत उनके स्तर से किसी भी तरह की लापरवाही व गलती नहीं हुई है। वह बच्चों की मौत से आहत हैं। इसलिए अपना पद छोड़ रहे हैं।

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