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निषाद वंशीय समाज सामाजिक अन्याय व राजनीतिक उपेक्षा का शिकार-मुकेश साहनी

यूपी में उसी की सरकार बनेगी जिसके साथ निषाद समाज होगा
राष्ट्रीय मछुआरा दिवस पर निषाद सम्मेलन का आयोजन
गोरखपुर, 11 जुलाई। निषाद विकास महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में 14 फीसदी आबादी वाला निषाद वंशीय समाज सामाजिक अन्याय व राजनीतिक उपेक्षा का शिकार है। यूपी के चुनाव में इस बार उसी दल की सरकार बनेगी जिसके साथ निषाद समाज होगा।
श्री साहनी 10 जुलाई को मिर्जापुर आजाद चैक स्थित निषाद मंदिर में राष्ट्रीय मछुआरा दिवस के मौके पर आयोजित निषाद सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार में एक भी निषाद को कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया जाना राजनीतिक उपेक्षा का परिचायक है। यूपी में 17 पिछड़ी जातियों का आरक्षण का मुद्दा सिर्फ पोलिटिकल स्टंट बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि निषाद समाज की जातियों को आरक्षण , अधिकार और समुचित हिस्सेदारी देने वाले दल को ही समर्थन दिया जाएगा।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चैधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि मझवार, गोड़, तुरहा अनुसूचित जाति में शामिल है लेकिन मझवार की पर्यायवाची मांझी, मल्लाह, केवट, गोड़ की पर्यायवाची गोडि़या, धुरहा, कहार, रायकवार, धीमर, राजगौड़ आदि को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मझवार, गोड़ की पर्यायवाची जातियों से संबधित विधिसम्मत प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने, 17 अति पिछड़ी जातियों को 7.5 फीसदी आरक्षण कोटा, शिक्षा, सेवायोजन देने व केन्द्र से राष्ट्रीय मछुआरा आयोग गठित करने की मांग की। सम्मेलन को रामकोमल निषाद, केदारनाथ निषाद, बाबूलाल निषाद, पुन्नी लाल निषाद, शिवशंकर निषाद, जेएन मंडल आदि ने भी सम्बोधित किया।

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