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पत्रकारों ने किया चक्का जाम, एक घण्टे ठप रहा राष्ट्रीय राजमार्ग

– पत्रकार ध्रुव यादव की रिहाई की मांग
सिद्धार्थनगर।
भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी द्वारा पत्रकार ध्रुव यादव की गिरफ्तारी के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को जिलभर के पत्रकार सड़क पर उतर आए। करीब एक घंटे तक रुधौली-ककरहवा राष्ट्रीय राजमार्ग-233 को कलेक्ट्रेट के सामने जाम कर
दिया। एसएसबी के विरोध में जमकर नारे लगाए। इस दौरान जिला प्रशासन का रवैया संवेदनहीन रहा। जाम में फंसे लोग परेशान रहे मगर ज्ञापन लेने डीएम मौके पर नहीं आए। बाद में एडीएम पीके जैन व सीओ सदर मो.अकमल खां ने पहल करते हुए ज्ञापन लिया और जाम समाप्त कराया। पत्रकारों ने न्यायिक जांच की मांग करते हुए प्रशासन को 24 घंटे की मोहलत दी है। साथ ही चेताया है कि अगर जिला प्रशासन कड़े कदम नहीं उठाता तो कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
पत्रकारों ने बुधवार की सुबह जमशेद कटरा में बैठक कर पत्रकार धुव यादव को फर्जी मुकदमे में फंसाने की भर्त्सना की। इस मामले में सामूहिक रूप से कड़े संघर्ष का निर्णय लिया। सभी वरिष्ठ पत्रकारों के निर्देशन में संघर्ष समिति का गठन किया गया। बैठक के बाद मीडियाकर्मी लामबंद होकर कलेक्ट्रेट के सामने पहुंच रुधौली-ककरहवा राष्ट्रीय राजमार्ग-233 जाम कर दिया। जाम से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। पत्रकारों की मांग थी कि डीएम मौके पर आकर उनका ज्ञापन लें और मामले में मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दें।

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जाम की सूचना पर सीओ सदर मो.अकमल खां मौके पर पहुंचे। वार्ता कर जाम समाप्त करने की बात कही। मगर  पत्रकार डीएम को बुलाने पर अड़े रहे। बात न नने पर सीओ ने डीएम नरेंद्र शंकर पांडेय को फोन पर पूरे मामले की
जानकारी दी। डीएम ने एडीएम पी के जैन को मौके पर भेजा। पत्रकार डीएम को बुलाने की मांग करने लगे। डीएम ने मौके पर आने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वह ज्ञापन लेने नहीं आएंगे। यह कलेक्टर का काम नहीं है। डीएम इस जवाब से पत्रकारों का गुस्सा भड़क उठा। जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए।
एडीएम बार-बार ज्ञापन देने की बात कह हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन देते रहे। इसके बाद पत्रकारों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश नहीं दिए जाते तो विभिन्न संगठनोंं के समर्थन के साथ पत्रकार संघर्ष समिति फिर धरना-प्रदर्शन व जाम को बाध्य होगी। विरोध प्रदर्शन में सत्यप्रकाश गुप्ता, एमपी गोस्वामी, रवींद्र त्रिपाठी,नजीर मलिक, परमात्मा शुक्ल, आसिफ इकबाल, संतोष श्रीवास्तव, रत्नेश शुक्ल, मनीष जायसवाल, सुधीर श्रीवास्तव, सलमान आमिर, सिंहेश ठाकुर, अरविंद झा, राशिद फारुकी, अमित सिंह, प्रदीप वर्मा, परवेज अहमद, इरशाद सिद्दीकी, रामसेवक, इनामुरर्हमान, विजय श्रीवास्तव, अजीत सिंह, अंकित श्रीवास्तव, अरुण तिवारी, प्रशांत सिंह, सुशील मिश्र आदि मौजूद रहे।
अलीगढ़वा से कलेक्ट्रेट तक ग्रामीणों ने किया मार्च
फर्जी मुकदमे में फंसाए गए पत्रकार धु्रव यादव की रिहाई को लेकर ग्रामीणों ने अलीगढ़वा कस्बे से कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। सैकड़ों की तादाद में लामबंद ग्रामीण बाइक व चार पहिया वाहन से जुलूस की शक्ल में दोपहर 12 बजे नेपाल सीमा पर स्थित अलीगढ़वा कस्बे से रवाना हुए। बर्डपुर, मधुबेनिया, पुरानी नौगढ़, तेतरी बाजार से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। ग्रामीणों का नेतृत्व भाजपा नेता चौधरी अमर सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करना ही ध्रुव यादव को भारी पड़ा है। उनकी खबरों से खिन्न होकर एसएसबी ने साजिश के तहत फर्जी मुकदमे में फंसाया है। मामले की न्यायिक जांच कराकर सच्चाई सबके सामने लाई जाए। मार्च में प्रधान मो.शफीक, कमरुद्दीन, रामकृपाल वर्मा, मो.हुसैन, जगदीश वर्मा, अशोक वर्मा, जलालुद्दीन, जगदीश
वर्मा, कृष्ण मोहन, पवन पाठक, सुनील कसौधन, अर्जुन, दिलीप, बृजेश, फिरोज,
रामउग्रह, शत्रुधन, रामकिरन, राकेश कसौधन, नुरुल हुदा, अब्दुल रसीद, रामउग्रह चौधरी, महबूब खान, सुल्तान खां, महातम यादव आदि शामिल रहे।

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