जीएनएल स्पेशल

पैसा पाने के लिए तरस रहे हैं पूर्वांचल बैंक के 92 लाख ग्राहक

आठ दिन में पूर्वांचल बैंक की 571 शाखाओं को मिले सिर्फ 25 करोड़
-कई ब्रांच इक्का-दुक्का ग्राहकों का ही कर पायीं भुगतान

-11 जिलों में हैं पूर्वांचल बैंक की 571 शाखाएं

-92 लाख जमाकर्ताओं में से सिर्फ 19 लाख के पास एटीएम कार्ड

मनोज कुमार सिंह 
गोरखपुर, 17 नवम्बर। नोटबंदी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के सबसे बड़े पूर्वांचल बैंक के 92 लाख ग्राहकों से सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। पूर्वांचल बैंक की 571 की शाखाएं करेंसी की किल्लत से जूझ रही हैं। उन्हें आठ दिन में उसे सिर्फ 30 करोड़ रूपए ही मिल पाए जिसके कारण बैंक की शाखाएं अपने ग्राहकों को न तो रूपए दे पायीं और न ही पुराने नोट के बदले नए नोट दे सकीं। एक तरफ से पिछले आठ दिन से पूर्वांचल बैक की शाखाएं लगभग निष्क्रिय पड़ी रही हैं ।
पूर्वांचल बैंक की 11 जिलों -गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, मउ, बलिया, इटावा और औरैया में 571 शाखाए हैं। 2005 के पहले यह गोरखपुर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और बस्ती क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रूप में था। वर्ष 2005 में दोनों को मिलाकर पूर्वांचल बैंक का गठन किया गया। इसका प्रायोजक स्टेट बैंक आफ इंडिया है। यह बैक ग्रामीण क्षेत्र में किसानों और कमजोर वर्गों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए बनाया गया था।
इन शाखाओं में करीब 92 लाख ग्राहक हैं। आठ लाख से अधिक कर्ज लेने वाले व अन्य ग्राहक हैं। नोटबंदी के पहले पूर्वांचल बैंक की शाखाओं में एक दिन में 40-45 करोड़ का भुगतान करती थीं। नोटबंदी के वक्त पूर्वांचल बैंक की शाखाओं में 500 और एक हजार के नोट को छोड़कर सिर्फ चार करोड़ रूपए ही थे जो शुरू के कुछ दिनों में ही खत्म हो गए। इसके बाद से पूर्वांचल बैंक की शाखएं को दो हजार की नई करेंसी व 100, 50 और अन्य छोटे नोट मिले ही नहीं। पिछले आठ दिनों में सिर्फ 25 करोड़ रूपए ही मिल पाए जो इन शाखाओं की जरूरत के हिसाब से उंट के मुंह में जीरा के समान था। यही कारण था कि शाखाओं से बहुत कम ग्राहकों को पैसे मिल पाए। बृजमनगंज स्थित पूर्वांचल बैंक से रिपोर्ट आई है कि वहां तीन दिन से ग्राहकों को एक रूपया तक भुगतान नहीं हो सका है।
पूर्वांचल बैंक के 92 लाख जमाकर्ताओं में से सिर्फ 19 लाख के पास एटीएम कार्ड हैं। बाकी सभी जमाकर्ता बैंक की शाखाओं से ही लेनदेन करते हैं। ब्रांचों में पैसे नहीं होने से अधिकतर ग्राहकों के लिए बहुत मुश्किल रहा है।
एक बैंक अधिकारी ने बताया कि पूर्वांचल बैंक का प्रायोजक स्टेट बैंक आफ इंडिया ने इस संकट के दौर में हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया है। हम उन्हीं के पास धन रखते हैं लेकिन उसने हमें भुगतान के लिए करेंसी नहीं दी। वह अपने ही शाखाओं को धन देता रहा।
एसबीआई ने फंफूदी लगे दो करोड़ रूपए पूर्वांचल बैंक केा भेज दिया
पूर्वांचल बैंक ने जब करेंसी के लिए स्टेट बैंक पर दबाव बढ़ाया तो उसने 100 और 50 के बहुत पुराने सड़े-गले दो करोड़ रूपए भेज दिए। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि इन नोटों की हालत ऐसी थी कि हम दंग रह गए। बक्से खोलते ही उसमें से बदबू आने लगी। नोटों में फंफूदी लग चुकी थी। दरअसल यह नोट पूरी तरह से रिजेक्ट हो चुके थे लेकिन इसे ग्राहकों में बांटने के लिए भेज दिया। नोटों की हालत देख पूर्वांचल बैंक के अधिकारियों ने यह नोट ग्राहकों में न बांटने का फैसला लिया और उसे वापस एसबीआई को लौटा दिया।
अब आरबीआई सीधे देगा पूर्वांचल बैंक को करेंसी
पूर्वांचल बैंक के चेयरमैन एके सिन्हा ने गोरखपुर न्यूज लाइन से बातचीत में स्वीकार किया कि बैंक की शाखाओं को बहुत कम धन उपलब्ध कराया जा सका है। उन्होंने कहा कि एसबीआई व अन्य बैंकों से हमें 25 करोड़ रूपए मिले हैं। इसके चार करोड़ रूपए दो हजार की करेंसी के रूप में मिले जबकि शेष 100, 50, 20, 10 रूपए के रूप में मिले। इस कारण हम शाखाओं को कम धन भेज सके हैं। आज छह करोड़ रूपए भेजे गए हैं। कल से आरबीआई सीधे हमें करेंसी देने लगेगा। इससे हमें ग्राहकों को और अधिक भुगतान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने बताया कि कुछ पुराने नोट मिले थे जिनमें से जो चलने लायक थे, उन्हें ग्राहकों को दिया गया। शेष वापस कर दिया गया। श्री सिन्हा ने कुछ दिन में हालात सामान्य होने का भरोसा दिलाया।

Related posts