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भाकपा (माले) प्रतिनिधिमंडल एडीजीपी (ला.आ.) से मिला, मदनपुर में पुलिस उत्पीड़न रोकने को कहा 

लखनऊ, 19 जनवरी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) व ऐपवा का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 18 जनवरी को एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) दलवीर सिंह से उनके कार्यालय में मिला और मदनपुर (देवरिया) की घटना के सिलसिले में एक ज्ञापन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने एडीजीपी से कहा कि मदनपुर में मुस्लिम नौजवान रहमतुल्ला की हत्या की घटना स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते हुई। इस पर पुलिस के विरुद्ध जनता का प्रतिवाद सामने आने के बाद गांववासियों का पुलिस उत्पीड़न तेज हो गया है। पुलिस ने एक हजार अज्ञात और 43 लोगों के नाम से एफआईआर दर्ज की है। इतनी बड़ी संख्या में अज्ञात लोगां के नाम एफआईआर से पुलिस जिसको चाह रही है, पकड़ ले जा रही है। लोग पुलिस कार्रवाई की डर से अपने घरों से भागे हुए हैं। एफआईआर में ऐसे भी लोगों के नाम हैं, जो घटना के दिन मदनपुर में थे ही नहीं। रहमतुल्ला के हत्यारों को पकड़ने में नाकाम पुलिस ग्रामीणों पर कहर बरपा रही है। यहां तक कि महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया है। उनकी पिटाई की गई और उन्हें जेल भेजा गया है। महिलाओं समेत 76 लोगो की गिरफ्तारी के बाद भी गिरफ्तारियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जो लोग गिरफ्तार हैं, उन पर रासुका लगा कर कम से कम 6 महीने तक जेल में रखने का निर्णय ले लिया गया है।
माले प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मदनपुर में पुलिस की जारी धर-पकड़ की कार्रवाई पर अविलंब रोक लगाई जाये। महिलाओं समेत सभी निर्दोषों को बिना शर्त रिहा किया जाये। ग्रामीणों पर रासुका लगाने का निर्णय वापस लिया जाये और
रहमतुल्ला के हत्यारों को गिरफ्तार किया जाये।
प्रतिनिधिमंडल में भाकपा (माले) के राज्य समिति सदस्य रमेश सेंगर, ऐपवा उपाध्यक्ष ताहिरा हसन और राजीव कुमार शामिल थे।

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