जनपद

‘ मेरे मालिक मेरी आँखों में मदीना रख दे ’

 

जश्ने ईद मिलादुन नबी के मौके पर नातिया मुशायरा का आयोजन

गोरखपुर, 19दिसम्बर। ‘नबियों में सबसे ऊंचा सिंहासन है आपका, हर उम्मती के ह्रदय पे शासन है आपका ’, खुर्शीद गोरखपुरी के इसी कलाम से शिया फ़ेडरेशन द्धारा रविवार को इमामबाड़ा आगा साहेबान में जश्ने ईद मिलादुन नबी के अंतर्गत आयोजित नातिया मुशायरे का आगाज़ हुआ।

नातिया मुशायरे की सदारत मशहूर चिकित्सक डॉ0 अज़ीज़ अहमद ने किया। मेहमान ए खुसूसी मशहूर सर्जन व समाजसेवी डॉ0 वजाहत करीम व समाजवादी पार्टी के नगर नगर अध्यक्ष हाजी ज़ियाउल इस्लाम रहे जिन्होंने इस मौके पर रसूल की शान में अपना शेर, ‘ वाह रे दाई हलीमा तेरा नसीब, तेरी गोद में अल्लाह का हबीब ’पढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुशायरे में स्थानीय शायरों के अलावा हिन्दोस्तान के मशहूर अदबी शायर एडवोकेट नौशाद हल्लौरी, इफहाम उतरौलवी, वक़ार सुल्तानपुरी ने भी अपने कलाम पेश किये। निज़ामत रज़ी बिस्वानी ने की। प्रोग्राम की शरुआत तिलावत ए कलामे पाक से हसन आज़मी ने किया। इस मौके पर शायरों ने रसूल (स0अ0) की शान में अपने कलाम पेश कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हानी हल्लौरी ने कहा –‘जब भी किसी महफ़िल में तेरी बात चली है, महसूस हुआ शम्मा सदाक़त की जली है ’।  बुज़ुर्ग शायर राज आज़मी ने कहा- ‘ एक लम्हा जो अहमद के रौज़े पर गुज़र जाये, बिगड़ी हुई तक़दीर संवर जाये ’।

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इसके बाद शकील फ़राज़ ने अपनी नात ज़िक्रे नबी के नूर से लम्हा लम्हा रौशन है, पढ़ कर समां बांध दिया। करनैलगंज से आये मुजीब सिद्दीकी ने कहा कि जो अहले दिल है वो मदीना देखते हैं। अफ़ज़ाल इब्राहिमपुरी व जलाल सामानी ने भी अपने नातिया कलाम से महफ़िल को रौशन किया।  इसी कड़ी में शहंशाह मिर्जापुरी ने कहा, फलक पे जो ये रौशन हैं चाँद सूरज, ज़्या दें उन्हें नक़्श ए पाये मोहम्मद। मुशायरे में हल्लौर से आये मुमताज़ और फ़ैज़ी हल्लौरी ने, मैं यहाँ दिल मेरा मदीने में, मुझको ले चल सबा मदीने में, पढ़ कर खूब वाह वाही बटोरी। इसके बाद कमालुद्दीन कमाल, अब्दुल्लाह जामी, इफहाम उतरौलवी, रज़ी बिसवानी व उस्ताद शायर जालिब नोमानी ने भी अपना कलाम पेश किया। इस अवसर पर पीस पार्टी के अरुण श्रीवास्तव के अलावा बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।

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