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मै कलयुग के कौरवों का द्रोणाचार्य हूं, धर्मयुद्ध रचाने से कौन रोकेगा -अमर सिंह

अमर सिंह ने राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के लिए अकेले धर्मयुद्ध लड़ने की बात कही  

 आतंकवाद पर गोष्ठी और वार अखिलेश, आज़म खान और अबु आसिम पर  

गोरखपुर, 2 मार्च। राज्यसभा सदस्य अमर सिंह एक मार्च को गोरखपुर में थे। उन्होंने ‘आतंकवाद-राष्ट्रवाद के समक्ष चुनौती’ विषय पर आयोजित गोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित किया। आतंकवाद पर उन्होंने कम चर्चा की और अखिलेश यादव, आजम खान, अबु आसिम आजमी, राहुल गांधी पर जमकर बरसे। उन्होंने संकतों में भाजपा से नजदीकी जाहिर की और राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के लिए लड़ने वालों को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि मै कलयुग के कौरवों का द्रोणाचार्य हूं। मैने अब बहुत सह लिया। अब मै धर्मयुद्ध करूंगा। राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के लिए अकेले ही धर्मयुद्ध का महाभारत लड़ूंगा।
इस कार्यक्रम को अखण्ड प्रताप सिंह ने आयोजित किया था। इसमें क्षत्रिय महासभा के तमाम पदाधिकारी और उससे जुड़े लोग उपस्थित थे। मंच पर भाजपा के टिकट पर कैम्पियरगंज से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह के छोटे भाई जितेन्द्र बहादुर सिंह भी मौजूद थे। अध्यक्षता कवि रवीन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी भाई ने की।
पूरा कार्यक्रम बेहद नाटकीय था। संचालक ने खूब शेरो-शायरी की और अमर सिंह को दानवीर कर्ण, क्रांतिकारी नेता बताया। उन्होंने उनके सपा में पूरा जीवन बेवजह बर्बाद करने को इंगित करते हुए फिल्मी गीत-‘ सब कुछ लूटा कर होश में आए तो क्या किया, दिन में अगर चराग जलाए तो क्या किया ’ सुनाया।
अमर सिंह मंच पर आए तो उन्होंने चिर परिचित अंदाज में शेरो शायरी की और खूब डायलाग मारे लेकिन इस बार उनके डायलाग लिखे हुए थे। हाथ में दो पेज था जिसे वह बार-बार देखते हुए अपनी बात रख रहे थे।
अमर सिंह ने कहा कि मै क्षत्रिय, योद्धाओं का योद्धा, मुझे धर्म युद्ध लड़ने से कौन रोक सकता है। दुर्योधन-दुशासन के अवशेष आतंकित कर रहे हैं।
अमर सिंह ने अपने को कई बार क्षत्रिय कहा और एक साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आजम खान, अबु आजमी, दाउद इब्राहिम का नाम लेते हुए कहा कि वे उन्हें धर्मयुद्ध लड़ने से नहीं रोक सकते।

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पढिए अमर सिंह ने क्या-क्या कहा

-पिता के रास्ते पर चलते मुझे दुबारा सपा से निकालने के लिए मै अखिलेश यादव को बधाई देता हूं
-निष्कासित होने के बाद मै आजाद हूं। अब मै सुखी हूं।
-मै भी गलत हूं, दूध का धुला नहीं। अतीत सही नहीं रहा है। तटस्थ रहने का अपराधी हूं।
-धृतराष्ट और दुर्योधन के कृत्यों से घायल जनता, मर्मान्तक छटापटाहट लिए मै अमर सिंह इस युग के कौरवों का द्रोणाचार्य हूं।
-अपनी व्यथा-कथा कह कर मै अब और हंसी का पात्र नहीं बनना चाहता
-हो सकता है कि अर्जुन पुनः नपुंसक हो जाए लेकिन मै क्षत्रिय, योद्धाओं का योद्धा भला मुझे युद्ध रचाने से कौन रोक सकता है
-मै कौरवों का द्रोणाचार्य होने का प्रायश्चित क्यों नहीं कर सकता
-तिल -तिल जलकर दीपक बन कर मैने घर का तिमिर भगाया पर जैसे ही भोर हुई तो सब सूरज के साथ हुए
-20 वर्ष पहले कुछ नहीं था। मै था, मुलायम सिंह थे। जिसने अंगुली थाम कर चलना सिखाया था कभी, वह बूढ़ा बाप सहारे की लाठी के लिए मुहताज हुआ।
-बात छोटी सी हो फसाना बड़ा हो जाएगा, हैसियत तो देख पैमाना बदल जाएगा।

-सपा में रहा हूं। प्रवक्ता पद पर रहते हुए मुझ पर सोनिया गांधी पर उग्र रूप से हमला करने का आदेश था। मै सार्वजनिक रूप से सोनिया गांधी से माफी मांगता हूं। मैने गलत किया। किसी भी महिला को बुरा कहना गलत है भले आप उसकी विचारधार से सहमत हो या न हो।
-राहुल जी कहते हैं मोदी जहां जाते हैं रिश्ता बनाते हैं लेकिन रिश्ता निभाते नहीं। राहुल जी आपने भी मुझसे रिश्ता बनााया था, सरकार बचवाई थी लेकिन अच्छा रिश्ता निभाया और हमें तिहाड़ जेल भेज दिया
-सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने मोदी जी को आतंकवादी कहा लेकिन अबु हासिम क्या है ? अबु का उत्तर प्रदेश में अड्डा डायमंड पैलेस है जो दाउद इब्राहिम के भाई के श्वसुर की है। भिंडी बाजार में अबु हासमी की जो सम्पत्ति है, वह किसकी है। क्या यह दाउद इब्राहिम की नहीं है।
अबु हासमी ने मुझ पर मुकदमा करने की धमकी दी है। करो मुकदमा। मैने रतन टाटा का मुकदमा झेला है। मैं तो मुकदमे में छोटा राजन को गवाही देने के लिए बुलाने की मांग करूंगा।

-जलनिमग में 250 करोड़ का दुरूपयोग हुआ। जलनिगम के अध्यक्ष परम आदरणीय पूजनीय आजम खान जी हैं। यह आर्थिक आतंकवाद है। उनका जौहर विश्वविद्यालय शत्रु सम्पत्ति पर बना है और बिना एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के विदेशी धन लिया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।
-दिल्ली-सहारनपुर की 170 किमी सड़क बने बिना 1735 करोड़ का भुगतान हो गया। कम्पनी की आर्थिक क्षमता को जांचे बिना ठेका कैसे दे दिया गया। अब बचाव के लिए एफआईआर कराया गया है।
-सबसे बड़ी समस्या आंतकवाद को परिभाषित करने की है। निजी स्वार्थ के लिए राजनीति करना आतंकवाद है। जनता से झूठे वादे करना आतंकवाद है। विचार का आंतकवाद है, अर्थ का आतंकवाद है और अत्याचार सहने का आतंकवाद है।

-जो संस्कृति को जानते हों, राष्ट्रवादी हों, आजम खान की तरह भारत मां को डायन नहीं कहते हो, कश्मीर को पाकिस्तान का अंग नहीं मानते हों,उन्हें चिन्हित करें और समर्थन दें।

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