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मोदी की नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को मौत के कगार पर पहुंचाया-दीपंकर भट्टाचार्य

पार्टी कार्यकर्ता जनता के आक्रोश को मुखर करें
भाकपा माले पूर्व महासचिव कामरेड विनोद मिश्र की 18वीं बरसी के मौके पर लखनऊ
में कैडर कन्वेशन
लखनऊ, 20 दिसम्बर। भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार की नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को मौत के कगार पर पहुंचा दिया है। देश की अर्थव्यवस्था की हालत उसी तरह हो गई है जैसे कि किसी व्यक्ति के शरीर से सारा खून निकाल लिया गया हो। नोटबंदी देश के लिए बड़ी आर्थिक आपदा है।
दीपंकर भट्टाचार्य 18 दिसम्बर को अमीनाबाद स्थित गंगा प्रसाद वर्मा मेमोरियल हाल में पार्टी के पूर्व महासचिव कामरेड विनोद मिश्र की 18वीं बरसी के मौके पर आयोजित राज्य कैडर कन्वेंशन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी कर गरीब की रोटी पर हमला बोल दिया है। यह निर्णय गरीबों, किसानों, मजदूरों , छोटे उत्पादन व छोटे कारोबारियों के मौत का फरमान है जबकि बड़े लोगों की चांदी है। बंद किए गए नए नोटों की भीषण कमी ने नगदी पर निर्भर हर 10 में से नौ को भारी तकलीफ पहुंचाई है और नकदी की यह कमी आने वाली बड़ी आर्थिक आपदा की शुरूआत है जिससे उत्पादन और रोजगार पर जबर्दस्त असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वेनेजुएला की सरकार ने कुछ दिन की अफरातफरी और एक व्यक्ति की मौत के बाद ही 100 बोलीवर का नोट बंद करने का निर्णय टाल दिया लेकिन हमारे में देश में 100 से अधिक लोगों की मौत और लाखों लोगों के रोजगार छिन जाने के बाद भी मोदी सरकार चैन की बंशी बजा रही है। लोगों को जितनी पीड़ा हो रही है, मोदी और संघियों को उतना ही आनंद मिल रहा है।
माले महासचिव ने कहा कि कालेधन पर चलने वाले लोग काला धन खत्म करने की लड़ाई नहीं लड़ सकते। नोटबंदी के पहले और दौरान पूरे देश में भाजपा द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन और मोटरसाइकिलों की खरीददारी, भाजपा नेताओं के दो हजार के नए नोटों में करोड़ो रूपए के साथ पकड़ा जाना और रेड्डी-गडकरी के बेटे-बेटियों की सैकड़ों करोड़ की शाही शादी इस बात की गवाह है।
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उन्होंने कहा कि नोटबंदी के निर्णय को देश में शुरू-शुरू में इसलिए थोड़ा समर्थन मिला क्योंकि भाजपा और संघ ने भ्रम फैलाने के लिए प्रचार माध्यम को संगठित किया। यह काम आज भी जारी है लेकिन अब सचाई खुलकर सामने आ गई है। जनता ठीक से सचाई को समझ रही है क्योंकि वही इसे झेल रही है। जनता का आक्रोश अभिव्यक्ति की तलाश में है जिसे हमें मुखर बनाना होगा। इसलिए पार्टी ने 20 30 दिसम्बर तक पोल खोल-हल्ला बोल अभियान शुरू किया है और नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर पार्टी कार्यकर्ता चौराहों पर मोदी का पुतला फंूकेंगे।
उन्होंने सपा-बसपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश सरकार का विकास का माडल गरीबों-किसानों के लिए नहीं है। उन्होंने विकास के कार्पोरेट माडल को जनता पर थोपा है। वह साइकिल पर चल कर सत्ता में आए और सत्ता में आते ही मर्सीडीज बस पर सवार हो गए इसलिए उनकी बस ब्रेकडाउन हो गई। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर ब्राह्मणवादी ताकतों से साझेदारी करने और दलित राजनीति को मोल-तोल की सौदेबाजी में बदल देने का आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात से उठा नया दलित विमर्श भूमि के पुनर्वितरण, भूमि अधिकार और सम्मान का सवाल उठा रहा है जो बसपा के एजेंडे में नहीं है। ब्राह्मणवाद और पूंजीवाद दोनों दलितों के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी वामपंथी एकता में नया तेवर व धार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक महत्वपूर्ण समय में मिल रहे हैं जब हमारे सामने सबसे निर्णायक, कठिन और महत्वपूर्ण लड़ाई है और हमें इस निर्णायक लड़ाई में निर्णायक जीत हासिल करनी है।
कैडर कन्वेंशन को पार्टी की सेन्ट्रल कमेटी के सदस्य कामरेड सलीम, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, कृष्णा अधिकारी, श्रीराम चौधरी, पार्टी के उत्तर प्रदेश के सचिव रामजी राय ने भी सम्बोधित किया।
इसके पहले कन्वेशन में पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के संकल्प दिवस के आह्वान का पाठ किया गया जिसमें मोदी आपातकाल को खारित करने और नोटबंदी की आपदा का विरोध करने का आह्वान किया गया है।
कन्वेशन में प्रस्ताव पारित कर नोटबंदी के दौरान मरे लोगों के परिजनों को 20-20 लाख मुआवजा देने, नोटबंदी से प्रभावित सभी गरीबों को एक-एक लाख की सहायता देने, जेएनयू के छात्र नजीब का पता लगाने और उन्हें सकुशल वापस लाने, भोपाल जेल में बंद विचाराधीन सिमी कार्यकर्ताओं की एनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने और प्रधान न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई। कन्वेशन में गाजीपुर, चंदौली, गोरखपुर, सोनभद्र, र्मिाजपुर, पीलीभीत, महराजगंज, देवरिया, मउ, बांदा, फैजाबाद, सीतापुर आदि जिलों के जिला सचिवों, विधान सभा चुनाव के प्रत्याशियों तथा कार्यकर्ताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, पार्टी संगठन और आंदोलन की स्थिति तथा चुनाव तैयारी पर अपनी बात रखी। संचालन केन्द्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड सुधाकर यादव ने किया।

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