राज्यसमाचार

मोदी-योगी सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे आइसा-आरवाईए कार्यकर्ता गिरफ्तार , रिहा

लखनऊ , 25 जुलाई। सहारनपुर से लेकर मिर्जापुर तक दलित उत्पीड़न की घटनाओं, गौ-रक्षा के नाम पर की जा रही भीड़-हत्याओं, शिक्षा के बजट में कटौती, रोजगार व समान शिक्षा के अधिकार पर हो रहे हमलों के खिलाफ आज छात्रों-नौजवानों ने लखनऊ में लोकतंत्र बचाओ मार्च के तहत प्रदर्शन और सभा की। लखनऊ विश्वविद्यालय से विधानसभा कूच करते समय पुलिस ने सैकड़ों छात्रों-नौजवानों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले गई। शाम को सभी को रिहा कर दिया गया।

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आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने आज लखनउ योगी सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ मार्च का आयोजन किया था। यह मार्च लखनउ विशविद्यालय से विधानसभा तक जाना था। छात्रों-नौजवानों ने विश्वविद्यालय के गेट नम्बर पर एक पर सभा कर अपने आंदोलन की शुरूआत की। इस आंदोलन को देखते हुए पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी।

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डेढ़ घंटे की की सभा के बाद जब छात्रों-नौजवानों से विधानसभा की तरफ कूच किया तो पुलिस बल ने धरपकड़ शुरू कर दी। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और बस में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई जहां से उन्हें शाम को रिहा किया गया। इस दौरान छात्रों-नौजवानों ने जोरदार नारेबाजी की।
आंदोलन में आइसा के प्रदेश अध्यक्ष अंतस, नितिन राज, सुनील मौर्य, आरवाईए के प्रदेश अध्यक्ष   अतीक अहमद ,प्रदेश सचिव राकेश सिंह, सोनू श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

भाकपा माले ने छात्रों-युवाओं की गिरफ्तारी की निंदा की
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने मंगलवार को मोदी-योगी सरकार के खिलाफ लखनऊ विश्वविद्यालय से विधानसभा तक ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च निकाल रहे आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के छात्र-युवाओं को गिरफ्तार कर लेने की पुलिस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए कड़ी निंदा की है।

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पार्टी राज्य स्थायी समिति (स्टैन्डिंग कमेटी) के सदस्य अरुण कुमार ने कहा
कि योगी सरकार विधानसभा से लेकर सड़क तक विरोध और असहमति की आवाज को दबाने की लगातार कोशिश कर रही है। आज जब विभिन्न जिलों व विश्वविद्यालयों से लखनऊ पहुंचे छात्र-नौजवान सहारनपुर से लेकर मिर्जापुर तक दलित उत्पीड़न की घटनाओं, गौ-रक्षा के नाम पर की जा रही भीड़-हत्याओं, शिक्षा के बजट में कटौती, रोजगार व समान शिक्षा के अधिकार पर हो रहे हमलों के खिलाफ राजधानी में अपना शांतिपूर्ण आक्रोश प्रकट करना चाह
रहे थे, तो योगी सरकार की पुलिस ने उनके साथ जोर-जबरदस्ती की।

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उन्होंने कहा कि बहुमत में मदमस्त योगी सरकार का यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि दमन के खिलाफ लोकतंत्र के संघर्ष को तेज किया जायेगा।

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