यूपी विधानसभा चुनाव 2017

यूपी का भविष्य बेहतर बनाने के लिए सपा-कांग्रेस मिले हैं -आरपीएन सिंह

पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर पी एन सिंह से खास बातचीत 
[highlight]प्रदेश में शुरु हुए चुनावी हलचल के बीच प्रदेश की समाजवादी पार्टी और काँग्रेस पार्टी के बीच हुआ समझौता जरुरी था या फिर मजबूरी ? एक तरफ “27 साल यूपी बेहाल का नारा” और दूसरी ओर कुछ ही दिन बाद “यूपी को ये साथ पसन्द है” का नया स्लोगन , कैसे जनता को ये समझायेंगे ? ऐसे ही कई प्रश्नों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे आर पी एन सिंह से पत्रकार सूर्य प्रकाश राय ने कुशीनगर के पडरौना में उनके आवास  पर ख़ास बातचीत की

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सवाल – चुनाव के दृष्टिकोण से यूपी में कांग्रेस – सपा का गठबन्धन जरूरी था या मजबूरी ?
आरपीएन सिंह – जिस तरह के हालात देश में बन रहे हैं उसमें कांग्रेस पार्टी ने ये निर्णय किया कि देश का जो सांस्कृतिक बनाव है और जिस तरह से ये सबका रहा है यानि हर विचार धाराओं के लिए रहा है , उस परम्परा को कायम रखना बहुत जरूरी है । कांग्रेस ने देखा कि अखिलेश यादव प्रदेश को विकास की राह एक नयी सोच और परम्परा के साथ ले जा रहे हैं । उन्होंने उन ताकतों के साथ भी लड़ने का रास्ता अपनाया है जो देश को किसी और दिशा में ले जाना चाहती हैं । इसके बाद हमने समझा कि उत्तर प्रदेश को एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए यदि दोनों दल मिल जाएं तो अच्छा रहेगा ।
सवाल – कुछ ही दिन पहले कांग्रेस ने 27 साल यूपी बेहाल का नारा दिया था और उसके बाद गठबन्धन , जनता को अब क्या बताएँगे ?
आरपीएन सिंह – आप देखें तो अखिलेश यादव जी की जो सोच है भ्रष्टाचार और बाहुबल को लेकर उसी तरह कांग्रेस भी सोचती है । हम अपनी परम्परानुसार भ्रष्टाचार और बाहुबलियों पर अंकुश लगाना चाहते थे और अखिलेश जी भी वही काम कर रहे थे । ऐसे मे हम सभी समझ सकते हैं कि यदि विचारधारा मिलती है तो कुछ बेहतर ही होता है , यही बात जनता को भी बताएँगे ।
सवाल – इस विधान सभा चुनाव में ऐसा देखने में आ रहा है कि कांग्रेस को कड़े संघर्ष वाली सीट दे दी गयी है ,कहाँ खड़ा पा रहे हैं आप ? कहीं ऐसा ना हो जाए कि गठबन्धन के चक्कर मे कांग्रेस का सफाया हो जाए ।
आरपीएन सिंह – मै ऐसा नही समझता ।आप जिन्हें मजबूत सीटें समझ रहे हैं वो भाजपा के हैं और कांग्रेस के पास ताकत है उन सीटों को जीतने का । कांग्रेस और सपा का गठबन्धन पूर्ण बहुमत की ओर अग्रसर हो रहा है ।
सवाल – अखिलेश और राहुल को लेकर गठबन्धन की ओर से एक नया स्लोगन आया कि ” यूपी को ये साथ पसन्द है ” ! आपको क्या लगता है कि जनता इसे पसन्द करेगी , कितनी सीट निकाल सकेगी गठबन्धन ?
आरपीएन सिंह – प्रदेश के लोग अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहते हैं । झूठे नारे और हर बार राम मन्दिर के खोखले नारों से जनता उब चुकी है । प्रधानमंत्री जी ने जितने वायदे किए उनमे से एक भी पूरा नही हुआ । कांग्रेस जो कहती है वो करती है ऐसे मे ये नारा बिलकुल सही है , सभी को पसन्द आयेगा । दोनो दलों की ओऱ से पहले ही कहा जा चुका है कि 300 से अधिक सीट गठबन्धन लेकर आयेगी ।
सवाल – भारतीय जनता पार्टी के टिकट बंटवारे के बाद कई सीटों पर बगावत होने की खबर आ रही है , इस पर क्या प्रतिक्रिया  ?
आरपीएन सिंह – भारतीय जनता पार्टी के पास यूपी में कुछ था नही । कांग्रेस, सपा और बसपा के रिजेक्टेड माल को उन्होंने टिकट देकर मैदान में उतारा है । उनके पास नेताओं की कमी है। इस कारण यह स्थिति है ।
सवाल – पूर्वान्चल में योगी आदित्य नाथ की हिन्दू युवा वाहिनी ने अपने प्रत्याशी उतारने शुरु कर दिए हैं और योगी उनपर कार्यवाही करते दिख रहे हैं। ऐसे मे क्या कहेंगे कही योगी कोई गेम प्लान तो नही कर रहे हैं ?
आरपीएन सिंह – मै व्यक्तिगत किसी पर टिप्पणी नही करना चाहूंगा । एक बात कहना चाहूंगा कि भाजपा के पास यूपी में कोई एक नेता ऐसा नही है जिसे वो मुख्यमंत्री के रुप में सामने ला सकें । मुझे ऐसा लगता है कि हर कार्यक्रम के आयोजक अमित शाह ही मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन वो बिहार भी गए थे वहाँ जनता ने सबक सिखा दिया और अब उत्तर प्रदेश की जनता भी सबक सिखाएगी ।

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