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योगी आदित्यनाथ ने राप्ती और आमी को ‘‘नमामि गंगे’’ परियोजना में शामिल करने की मांग की

लोकसभा में उठाया दोनों नदियो के प्रदूषण का मुद्दा 

गोरखपुर , 5 मई। गोरखपुर के सांसद महंत योगी आदित्यनाथ ने आज लोकसभा में राप्ती और आमी नदी को ‘‘नमामि गंगे’’ परियोजना में शामिल कर आमी नदी को प्रदूषण से मुक्त करने की मांग उठाई।

लोकसभा में नियम-377 के अधीन उक्त मांग को रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा, यमुना आदि बड़ी नदियां हो अथवा उनसे जुड़ी सहायक नदियां सभी को अनियोजित एवं अवैज्ञानिक विकास की सोच ने पूरी तरह प्रदुषित कर दिया है। गोरखपुर जनपद के बीच से बहने वाली राप्ती और राप्ती नदी की सहायक नदी आमी पिछले कई वर्षों से इस अभिशाप से अभिशिप्त है। राप्ती नदी सरयु नदी की सहायक नदी है तथा सरयु नदी गंगा नदी की सहायक नदी है। कभी आमी नदी के तटवर्ती गांवो में पूर्वी उ.प्र. की प्रमुख खेती के साथ-साथ पशुधन पलता था। मछुआरों की आय का भी प्रमुख साधन आमी नदी थी, लेकिन पहले खलीलाबाद की कथित औद्योगिक ईकाईयों द्वारा इस नदी को प्रदूषित किया गया जो अब भी जारी है। इसके साथ ही वर्तमान में गीडा और रूधौली में स्थित औद्योगिक ईकाईयों का कचरा भी इसी नदी में गिराए जाने के कारण इस नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इस नदी के तटवर्ती गांवो में पशुधन, खेती, मछली पालन सब जल-प्रदुषण की भेंट चढ़ गए हैं। यह नदी वर्तमान में भयंकर प्रदुषण के कारण पूरी तरह बदबू कर रही है। राप्ती नदी में मिलने पर कई कि.मी. तक इस नदी के कारण बड़ी संख्या में मछलियां मर रही हैं। स्थानीय स्तर पर इस भयंकर प्रदूषण के कारण जनता में भारी आक्रोश है।

 

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