–स्वतन्त्रता दिवस की संध्या पर घर-घर दीप जलाने का दिया सन्देश
साम्प्रदायिक ताकतें देश को बांटने का काम कर रही हैं-अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ
सिसवा बाजार ( महराजगंज), 11 अगस्त। यात्रा वन्दे मातरम में बुधवार की शाम सिसवा रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कस्बे वासियों ने शहीदों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुये उन्हें याद किया। इस मौके पर स्वतन्त्रता दिवस की संध्या पर घर-घर दीप जलाने का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत तथा शहीदों को याद कर किया गया। यात्रा के नेतृत्वकर्ता व गायक अनीश सोनी ने ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी गीत को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। इसके उपरान्त शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के भतीजे पण्डित सुजीत आज़ाद ने कहा कि देश को आज़ाद कराने में 7 लाख 770 स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। मगर आज हालात यह है कि कोई भी सरकार उनके वंशजों को पूछने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री से मैंने शहीदों के वंशजों की अगुआई करते हुये शहीदों के गाँव के निकटम स्टेशन को उनके नाम से रखे जाने और सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों को उनके नाम से चलाये जाने की मांग की थी। परन्तु सरकार से उन मांगों पर ध्यान नहीं दिया। अगर देश का युवा साथ दे तो शहीदों के वंशजों को पूरा सम्मान मिल सकता है।
शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह खान के परपौत्र अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ ने कहा कि शहीदों के वंशज ही राष्ट्र के असली कोहिनूर हैं। उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में कौमी एकता के सन्देश की याद ताज़ा कराते हुये कहा कि उनके पूर्वज अशफ़ाक़ उल्लाह खान व पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल स्वतन्त्रता संग्राम के समय एक ही थाली में खाना खाते थे। एक तरफ मन्दिर में आरती होती थी तो दूसरी तरफ अज़ान होते थे। उस दौर में साम्प्रदायिक ताकतों का उद्भव भी नहीं था। परन्तु आज देश को साम्प्रदायिक ताकतें फुट डालो राज करो की नीति पर देश को बांटने का काम कर रही हैं। जिसके जिम्मेदार दुर्जन नहीं बल्कि सज्जन हैं। सज्जनों की निष्क्रियता ने देश को पंगु बना दिया। इसलिये अब समय आ गया है कि देश के लोग एक होकर राष्ट्र विरोधी ताकतों को मुंह तोड़ जवाब दें।
कार्यक्रम में दुनियां का सबसे बड़ा समोसा बनाने वाली टीम को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी कृपाशंकर पाण्डेय, एस डी एम निचलौल ज्ञानेश्वर प्रसाद, एस डी एम सदर सी पी तिवारी, अवधेश चौबे, ओ ए जोसफ, विवेक चौरसिया, अंकित सिंह, शैलेष टिबड़ेवाल,सत्यकाम जायसवाल एडवोकेट, रामेश्वर जायसवाल, मनोज केसरी एडवोकेट, पंकज तिवारी, रोशन मद्धेशिया, नीरज तिवारी, धीरज तिवारी, संजय जायसवाल, राजन विश्वकर्मा, विजय जायसवाल, धनन्जय दूबे, शिवकुमार रौनियार, शैलेश सुल्तानिया, अमित सिंह, श्रीराम शाही, दिलीप गुप्ता, विशाल मिश्रा, रौनक सिंह, आदित्य जायसवाल, राजू कुमार, रईश आलम, अरुण जायसवाल, सोनू चौधरी सहित कस्बे के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।