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राहुल गांधी के सामने सीएमओ बोले-जापानी इंसेफेलाइटिस खत्म हो गया है

गोरखपुर, 7 सितम्बर। बीआरडी मेडिकल कालेज के 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड में आज आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने सीएमओ डा. रवीन्द्र कुमार बड़बोलेपन में बोल गए कि अब जापानी इंसेफेलाइटिस खत्म हो गया है। वहां मौजूद मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डा. महिमा मित्तल ने सही तथ्य रखते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद इंसेफेलाइटिस के कुल मामलों में जापानी इंसेफेलाइटिस 5 से 7 प्रतिशत तक ही रह गया है। जापानी इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह खत्म बताना सही नहीं है।

इस वर्ष ही जापानी इंसेफेलाइटिस के 68 केस रिपोर्ट हुए हैं जिसमें 22 की मौत हो गई।

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सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने सीएमओ से पूछ लिया कि इंसेफेलाइटिस से विकलांगता कितनी फीसदी है। इस पर वह कोई जवाब नहीं दे पाए। बाल रोग विभाागाध्यक्ष फिर सामने आयीं और उन्होंने राहुल गांधी को पूरी जानकारी दी। उन्होंने इंसेफेलाइटिस के कारकों में सबसे अधिक जिम्मेदार इंटेरो वायरस को बताया। यूपीए सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने भी बातचीत में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि टीकाकरण से पूरे देश में जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले कम हुए हैं। अब सबसे अधिक केस जलजनित इंसेफेलाइटिस के हैं जिस पर रिसर्च हो रही है।
राहुल गांधी 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड के एल केबिन में इंसेफेलाइटिस मरीजों को देखा और तीन-चार परिजनों से बात की। वह वार्ड में ज्यादा देर नहीं रूके ताकि उनकी वजह से इलाज में बाधा आए।

राहुल के सामने उठा एनएचएम संविदा कर्मियों को कम वेतन का मुद्दा
राहुल गांधी जब केबिन में थे तो कांग्रेस नेता डा. सुरहिता करीम ने उन्हें एनएचम संविदा कर्मियों की तरफ से दिए गए ज्ञापन दिया। राहुल गांधी ने पूछा कि ज्ञापन किसने दिया है और वह उनसे मिलना चाहते हैं। केबिन से बाहर निकलकर वह एनएचएम संविदा कर्मी सूर्य प्रकाश पांडेय से मिले। श्री पांडेय ने उन्हें विस्तार से बताया कि इंसेफेलाइटिस वार्ड में क्लास थ्री और क्लास फोर के 109 पद समाप्त कर दिए गए हैं। इससे काम में दिक्कत आ रही है। यही नहीं वार्ड संख्या 12 और न्यू इंसेफेलाइटिस वार्ड में कार्यरत चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय आदि का वेतन बहुत कम है।

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वार्ड संख्या 14 में कार्यरत कर्मियों को राज्य सरकार राज्य कर्मियों के समान वेतन व सुविधाएं दे रही है। राज्य सरकार क्लास फोर के कर्मियों को 16 हजार, स्टाफ नर्सों को 31 से 35 हजार दे रही है तो एनएचएम संविदा वाले कर्मियों को 7 हजार व स्टाफ नर्सों को सिर्फ 20 हजार रूपए ही मिल रहे हैं। इसी तरह कर्मचारियों को 23 हजार के बजाय सिर्फ आठ हजार मिल रहा है। एक ही तरह के काम के बावजूद वेतन में यह भेदभाव बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में एनएचएम संविदा कर्मी कम वेतन से रूष्ट हैं और आंदोलन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार में नहीं है। इस पर पांडेय ने कहा कि वह दबाव बनाएंगें तो उन लोगों की मांग जरूर पूरी होगी।

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