समाचार

‘ रिहाई मंच के नेताओं की पिटाई अखिलेश राज में लोकतंत्र की हत्या का ताजा उदाहरण ‘

रिहाई मंच ने हमलावर पुलिस कर्मियों का वीडियो किया जारी
प्रदेश व्यापी अभियान चलाकर रिहाई मंच करेगा सपा सरकार के मुस्लिम विरोधी चरित्र को बेनकाब
लखनऊ,  3 नवम्बर। रिहाई मंच ने भोपाल में सिमी से जुड़े होनेे के आरोप में बंद 8 लोगों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या के खिलाफ रिहाई मंच के धरने के दौरान रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव और मंच के लखनऊ यूनिट के महासचिव शकील कुरैशी को एनकाउंटर करने की धमकी देते हुए बर्बर पुलिसिया पिटाई को अखिलेश राज में लोकतंत्र की हत्या का ताजा उदाहरण बताया है। मंच ने इस मुद्दे पर प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाकर जनता के बीच इस इंसाफ विरोधी सरकार को बेनकाब करने की घोषणा की है।
 मंच ने हमलावर पुलिस कर्मियों को तत्काल निलम्बित करने की मांग करते हुए पुलिसिया बर्बरता का वीडियो भी जारी किया है।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि धरना शुरू होने से पहले ही जिस तरह मंच महासचिव राजीव यादव और शकील कुरैशी को धरना स्थल से लाठी से पीटते हुए पुलिस चौकी के अंदर ले गई और ढ़ाई घंटे तक सिमी आतंकी, मुसलमान, और पाकिस्तानी एजेंट बताकर पीटा,  उससे अखिलेश सरकार के साम्प्रदायिक और मुस्लिम विरोधी चरित्र को उजागर करता है। पिटाई के दौरान पुलिस कर्मियों ने अपने नेम प्लेट हटा लिए थे जो साबित करता है कि पुलिस ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत फर्जी एनकाउंटर का सवाल उठाने वालों को पीटा जिसमें शकील कुरैशी का हाथ टूट गया और राजीव यादव को गम्भीर चोटें आईं। उन्होंने कहा कि मंच के नेताओं को हजरतगंज पुलिस बूथ में अवैध कानूनी हिरासत में पीटने के बाद हजरतगंज कोतवाली ले जाकर जिस तरह पुलिसकर्मी सतीश चंद्र और क्राइम ब्रांच के आधा दर्जन से ज्यादा सादी वर्दी में मौजूद जिसमें एक का नाम संतोष था ने सिमी आतंकी कहकर अमानवीय अत्याचार किया और लगातार फर्जी एनकाउंटर में मारने की धमकी देते रहे वो इस घटना को पुलिस के आपराधिक साजिश का हिस्सा साबित करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंच महासचिव राजीव यादव के अवचेतन अवस्था में पहुँच जाने के घंटों बाद तक भी अस्पताल न ले जाना साबित करता है कि पुलिस इन नेताओं की हत्या करना चाहती थी।

Related posts