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रेल का निजीकरण नहीं होने देंगे : शिव गोपाल मिश्र

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के 93 वें अधिवेशन का आगाज आज
रेलवे स्टेडियम में 4 बजे दिन में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा करेंगे उद्घाटन
दिन में 1 बजे रेलवे स्टेशन से निकलेगी रेलकर्मियों की रैली,तीन दिन चलेगा अधिवेशन 
भारतीय रेल के 17 जोन, 7 उत्पादक इकाईयों व आरडीएसओ के 1012 प्रतिनिधि भाग लेंगे
बतौर अतिथि अधिवेशन में आ रहे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठनों के प्रतिनिधि
गोरखपुर, 15 नवम्बर। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा है कि भारतीय रेल का किसी भी हालत में निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। सरकार अगर इससे बाज नहीं आई तो उसे रेलकर्मियों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ेगा।
श्री मिश्र मंगलवार को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वे यहां फेडरेशन के 93 वें अधिवेशन में प्रतिभाग करने आयें हैं। तीन दिवसीय अधिवेशन का शुभारंभ बुधवार की सुबह महिला प्रतिनिधियों के सम्मेलन से होगा। सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा अधिवेशन के चार बजे से आयोजित सत्र में करेंगे। इसके पूर्व अधिवेशन  में आए प्रतिनिधि और स्थानीय सदस्य रेलवे स्टेशन से अधिवेशन स्थल तक दिन में 1 बजे रैली निकालेंगे। अधिवेशन में भारतीय रेल के 17 जोन, 7 उत्पादक इकाईयों व आरडीएसओ से 1012 चुने हुए प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फेडरेशन आईटीएफ के महामंत्री स्टीव कार्टन, रेल रोड अरबन ट्रांसपोर्ट सचिव नोयल कार्ड, आईटीएफ यंग वर्कर सेक्शन की प्रधान मिस बेकर खुंदक जी, आईटीएफ एशिया प्रशांत क्षेत्र के सहायक सचिव संगम त्रिपाठी, रशियन रेलवे वर्कर्स फेडरेशन के पांच पदाधिकारी सरजे चेरनोव के नेतृत्व में भाग लेंगे। साथ ही पर्यवेक्षक के रूप में ढेर सारे लोग शामिल होंगे।
श्री मिश्र ने बताया कि इस मौके पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री व एआईआरएफ के सहायक महामंत्री कन्हैया लाल गुप्त के सौ वर्ष पूरे होने पर उनको सम्मानित किया जाएगा। अधिवेशन के मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सामाजिक, आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही नई पेंशन नीति, श्रम कानूनों के व्यापक बदलाव व रेल सुरक्षित कैसे चले, मुख्य केन्द्रित मुद्दे होंगे। रेलवे के प्रबंध कार्य में आईएएस अधिकारियों की तैनाती की खबर पर उन्होंने कहा कि रेलवे की समस्याओं का इलाज आईएएस नहीं हैं। बल्कि इनके चलते ही कई कारपोरेशन बरबाद हो गए। यह चिंतनीय विषय है और फेडरेशन इसे गंभीरता से लेगा।

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