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लगातार बढ़ रहा राप्ती नदी का पानी, रोहिन के उफनने से 36 गाँव बाढ़ से प्रभावित 

गोरखपुर , 30 जुलाई। पहाड़ों पर हो रहे बरसात से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है । गोरखपुर में रोहिन नदी के उफान आने से कैंपियरगंज व सहजनवा तहसील के 6 गांव मैरुण्ड हो गए है तथा 30 गांव बाढ़ के पानी से घिरते जा रहे हैं ।

गोरखपुर में राप्ती ,बूढ़ी राप्ती, रोहिन, घाघरा के जलस्तर को लगातार बढ़ा रहा है।  रोहिन के उफनने से कैंपियरगंज व सहजनवा तहसील के 36 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। इन गावों में लगभग 3000 से ज्यादा नागरिक फंसे हुए हैं जिन्हें अभी तक सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है, हालांकि प्रशासन ने चार नाव लगाने का दावा किया है। ग्रामीणों को गांव में नाव उपलब्ध कराने के अतिरिक्त अभी तक किसी प्रकार की दूसरी सहायता नहीं दी गई है। रोहिन से प्रभावित 36 गांव में अब तक 89.9 गांव हैक्टेयर खरीफ की फसल बर्बाद हो गयी है ।

गांव में राहत सामग्री बांटे जाने का निर्देश जिलाधिकारी ओ एन सिंह ने जिला पूर्ति अधिकारी को दिया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार राप्ती नदी में बूढ़ी राप्ती के संगम से बर्डघाट में प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर की दर से जलस्तर बढ़ रहा है ।

उधर 96 घंटों से डोमिनगढ़ रेग्युलेटर से रिसाव जारी है। सिंचाई विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी पानी का दबाव और बहाव कम नहीं हो रहा। इस दौरान विभाग की ओर से लगाई गई प्लाई भी पानी के दबाव से टूटने लगी है, इससे पानी काफी तेजी से रिसकर शहर का रुख करने लगा है। रिसाव से शहर के बहादुर शाह जफर कॉलोनी, पिपरापुर, मोहनलालपुर, बहरामपुर में पनि भर रहा है। डोमिनगढ़ रेलवे ब्रिज के पास वॉनिंग लेवल पार कर चुकी रोहिन यहां डेंजर लेवल से महज एक मीटर नीचे बह रही है। इसके जलस्तर में भी लगातार बढ़त का सिलसिला जारी है। वहीं नौसढ़ पुल के पास स्थित बैकुंठधाम में भी पानी भरने लगा है और इसकी सीढियां डूबने लगी है।

संभावित आपदा नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने प्रदेश शासन से पीएसी की मांग की  है। जिन्हें क्रमसः महेशरा , राजघाट , बर्डघाट और मुक्तिपथ पर तैनात किया जाएगा । शुक्रवार को जिलाधिकारी ने राप्ती नदी के बंधो का औचक निरीक्षण कर आवश्यक आदेश दिया। उन्होंने कहा है कि सभी बाढ़ चौकियां 24 घंटे सक्रिय रखी जाएं । उन्होंने सभी उप जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि नदी के किनारे वाले गांव के लोगों को सतर्क किया जाए, इसके अलावा जो गांव पानी में फंसे हुए हैं । वहां के नागरिकों को तत्काल बाहर निकाला जाए।

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