जिले की सभी नदियां खतरे के निशान से उपर, गोरखपुर-गोंडा लाइन पर दूसरे दिन भी नहीं चली ट्रेन
सिद्धार्थनगर, 28 जुलाई। बाढ़ से आज तीसरे दिन भी सिद्धार्थनगर जिले में स्थिति गंभीर बनी रही। जिले की सभी नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। गुरूवार को सूपा के पास बूढ़ी राप्ती नदी पर बन असोगवा-नदवा तटबंध टूट गया जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई। जिले में 500 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। आज दूसरे दिन भी गोरखपुर-गोंडा रेल लाइन पर रेलगाडि़यां नहीं चलीं। बढ़नी-सिद्धार्थनगर और बांसी-सिदर्थनगर सड़क मार्ग पर भी यातायात लगभग बंद हैं।
आज उस्का में कूड़ा नदी के बाढ़ के पानी में एक शव तैरता देखा गया। बाढ़ में नेपाल और बिहार के जंगलों से हिरन सहित कई जंगली जीव-जन्तु भी बहकर आ गए हैं। बाढ़ बचाव कर्मियों ने बुधवार को एक हिरन को डूबने से बचाया और उसे सुरक्षित स्थान पर ले गए।
सिद्धार्थनगर जिले में बूढ़ी राप्ती, राप्ती, वानगंगा, सोतवा, तेलार, कूड़ा, घोरही, जमुआर, घोंघी, चरगहवा आदि नदियां बहती हैं। यह सभी नदिया तीन दिन से खतरे के निशान से उपर हैं। इस कारण तमाम सड़कों पर पानी बह रहा है। सिद्धार्थनगर-सोहांस मार्ग पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है। शोहरतगढ़-परसा के बीच रेल लाइन पर बने पुल 59 पर वानगंगा का पानी चढ़ गया जिससे मंगलवार की रात से गोरखपुर-गोंडा रेल रूट पर रेलगाडि़यां बंद हो गई। सोमवार की शाम राप्ती नदी पर बना सरयू तटबंध टूट गया था तो लोटन के पास कूड़ा नदी के तेज बहाव में रेगुलेटर बह गया। सिद्धार्थनगर जिले की तकरीबन हर सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है।
बाढ़ बचाव के लिए वाराणसी से एनडीआरएफ के चार दर्जन जवान सिद्धार्थनगर जिले में आए हैं और बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।