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स्टेट बैंक में भगदड़ से लाइन में लगे बुजुर्ग किसान की मौत

बहू ने रात में बच्चे को जन्म दिया था, अस्पताल के खर्चे के लिए बैंक से पैसा निकालने आए थे रामनाथ कुशवाहा
देवरिया, 21 नवम्बर। देवरिया जिले के तरकुलवा स्थित स्टेट बैंक की शाखा में आज सुबह दस बजे भगदड़ मचने से पैसा निकालने आए बुजुर्ग किसान रामनाथ कुशवाहा की मौत हो गई। रामनाथ कुशवाहा अस्पताल में भर्ती अपनी बहू की दवा के खर्चे के लिए बैंक से पैसा निकालने आए थे।
तरकुलवा थाना क्षेत्र के गुलरिहा गांव निवासी रामनाथ के बड़े बेटे अभिमन्यू की पत्नी पावर्ती देवी गर्भवती थी जिसे 20 नवम्बर की शाम देवरिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसने आपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल में हुए खर्चे के भुगतान के लिए नगद धन की जरूरत थी। इसके लिए 65 वर्षीय रामनाथ आज सुबह छह बजे तरकुलवा स्थित स्टेट बैंक की शाखा पर आए और लाइन में लग गए। उनके पहले लोग चार बजे से ही लाइन में लगे थे। दस बजते-बजे लाइन में लगे लोगों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई। जब बैंक का चैनल खुला तो लोगों ने अंदर जाने के लिए दौड़ लगा दी। भगदड़ में रामनाथ गिर पड़े और कुछ लोग उनके उपर से गुजर गए। अफरा-तफरी में तुरंत एम्बुलेंस बुलाया गया और उन्हें तरकुलवा स्थित पीएचसी पर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। संभवतः उनकी मौत बैंक परिसर में ही हो चुकी थी।

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जिस वक्त यह घटना हुई सुरक्षा व्यवस्था के लिए मौके पर सिर्फ बैंक का गार्ड ही मौजूद था। थाना बैंक से महज 500 मीटर ही दूर है लेकिन वहां से सिपाही घटना के बाद पहुंचे।
रामनाथ के पास एक बीघा खेत है जिससे वह गुजारा करते थे। उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा अभिमन्य मुम्बई में रहकर काम करता है। वह बैंक से दस हजार रूपया निकालना चाहते थे।
घटना की जानकारी मिलने पर घर के लोग अस्पताल पहुंचे। सभी दहाड़ मार रो रहे थे। कुछ घंटों पहले घर में नए सदस्य के आगमन की खुशी परिजनों पर रामनाथ की मौत बज्रपात की तरह थी।
घटना के बाद मौके पर सीओ व अन्य अधिकारी पहुंचे। रामनाथ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

इस क्षेत्र में नोटबंदी के कारण तीसरी मौत है। इसके पहले कुशीनगर में एक महिला और देवरिया में एक व्यक्ति की सदमे से मौत हो चुकी है।

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