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हत्या में आजीवन करावास की सजा पाए पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल जमानत पर रिहा

रिहा होने पर समर्थकों ने किया स्वागत
गोरखपुर, 10 फरवरी। हत्या के आरोप में निचली अदालत से आजीवन कारवास की सजा पाए पूर्व मंत्री जितेन्द्र कुमार जायसवाल को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। वह नौ फरवरी को जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होने पर समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पिपराइच विधानसभा से उनकी पत्नी निर्दल चुनाव लड़ने जा रही है। जमानत पर रिहा होने से पूर्व मंत्री उनका चुनाव संचालन कर सकेंगे।
जितेन्द्र कुमार जायसवाल उर्फ पप्पू जायसवाल पिपराइच विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं। उन्हें एक बार उत्तर प्रदेश में मंत्री बनने का भी अवसर मिला। वर्ष 1994 में 7 सितम्बर को जंगल धूषड़ के प्रधान खदेरू निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। श्री जायसवाल का खदेरू निषाद से दस डिस्मिल जमीन को लेकर विवाद था। खदेरू निषाद के परिजनों का आरोप था कि पूर्व मंत्री ने जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पप्पू जायसवाल अभियुक्त बनाए गए और अदालत ने 4 अगस्त 2016 को उनको आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

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उस वक्त पप्पू जायसवाल भाजपा में शामिल हो गए थे और पिपराइच विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे। हत्या के मामले में सजा हो जाने पर उनके चुनाव लड़ने की उम्मीदों को झटका लगा। तब उन्होंने पत्नी को आगे किया लेकिन भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। भाजपा ने महेन्द्र पाल सिंह सैंथवार को टिकट दे दिया। इसके बाद उनकी पत्नी ने निर्दल चुनाव लड़ने की घोषणा की।