राज्य

‘मुहर्रम’ की पहली तारीख आज, 1439 हिजरी का आगाज

गोरखपुर, 21 सितम्बर । तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत के मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने बताया कि पटना, दिल्ली , लखनऊ आदि जगहों पर इस्लामी माह ‘मुहर्रम’ का चांद देखे जाने की सूचना मिली है।  शुक्रवार को मुहर्रम की पहली तारीख है। वहीं 1 अक्टूबर को ‘मुहर्रम’ की दसवीं तारीख है। इसी के साथ 1439 हिजरी का आगाज हो गया है।

‘मुहर्रम’ के चांद के साथ  इस्लामी कैलेंडर का नया साल शुरु हो गया है । ‘मुहर्रम’ इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है । मुहर्रम की दसवीं तारीख को  61 हिजरी में यजीद नाम के एक जालिम ने हजरत सैयदना इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों का शहीद कर दिया था। इस माह हजरत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथियों की कुर्बानियों को शिद्दत से याद किया जाता हैं। फातिहा-नियाज व जगह-जगह इमाम हुसैन व उनके साथियों की कुर्बानी की याद में मजलिसों का आयोजन किया जाता है।

शुक्रवार से मस्जिदों व घरों में ‘जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला’ की मजलिस शुरु हो जायेंगी।  रात्रि नमाज बाद गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती अख्तर हुसैन, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम रज़वी, मस्जिद हसनैन घासीकटरा में हाफिज रज्जब अली ‘हजरत सैयदना इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों’ के वाकियात बयान करेंगे। जिसका सिलसिला दसवीं मुहर्रम तक जारी रहेगा। नार्मल स्थित दरगाह मुबारक खां शहीद मस्जिद में शनिवार दोपहर 2:15 बजे से ‘शोहदा-ए-कर्बला’ पर बयान मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही व मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी का होगा। यह प्रोग्राम भी दसवीं मुहर्रम तक चलेगा। वहीं अन्य प्रमुख मस्जिदों में भी मजलिस होगी। मुहर्रम की पहली तारीख से  इमामबाड़ा इस्टेट के अंदर मियां साहब पूरे लाव लश्कर के साथ रवायती गश्त करेंगे।

Related posts