रामकोला , 31 जुलाई. गन्ना उत्पादक किसानों तथा चीनी मिल मजदूरों के साथ कारखाना प्रबंधकों एवं मालिकों का अनुचित व्यवहार बदलना होगा. पर्ची वितरण में धांधली तथा घटतौली के सहारे शोषण एवं प्रबंधकीय शक्ति की आड़ में चीनी मिल मजदूरों का उत्पीड़न बंद किया जाना औद्योगिक एवं लोकशांति के लिए जरूरी है. यह बातें त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला के गेट पर मंगलवार की रात में आयोजित किसानों-मजदूरों की सभा में पूर्व विधायक मदन गोविन्द राव ने कही.
श्री राव ने चेतावनी दिया कि पक्षपात पूर्ण आचरण, मनमानी तथा श्रम कानूनों के उल्लंघन द्वारा प्रबंधतंत्र अन्ततः उद्योग को ही खतरे में डालने का प्रयास कर रहा है, मशीनों पर सुरक्षा का अभाव, वेज स्लिप देने में आनाकानी, रेगुलर मजदूरी के जगह पर काफी कम मजदूरी देकर स्थाई प्रकृति के कार्यों को कराना तथा सेवाअवधि के दौरान मृत मजदूरों को आश्रित नियुक्ति देने से इंकार करना कानूनों, सरकारी निर्देशों का खुला उल्लंघन है.
उन्होंने कहा कि वही आये दिन घटतौली की शिकायत तथा गन्ने की अनुचित खरीद, अनपेड वाले किसानों को भुगतान देने में हीलाहवाली, गेट के बाहर मैनुअल कांटे की स्थापना में उदासीनता केन पर्चेज ऐक्ट सुगरकेन कंट्रोल आर्डर एवं गन्ना विभाग के निर्देशों आदेशों की अवहेलना है. श्री राव ने प्रबंधतंत्र को चेतावनी देते हुए कहा कि स्थितियों में सुधार नहीं हुआ तो फरवरी में चीनी मिल का अनवरत घेराव भी किया जा सकता है.
सभा को ब्रह्माशंकर चौधरी, दिनेश मल्ल, नागेश्वर पाण्डेय, प्रेम चंद्र गुप्त, संतोष जायसवाल, ओंकार सिंह, उमेश तिवारी, दिनेश यादव आदि ने भी संबोधित किया तथा आंदोलन के लिए किसानों मजदूरों पर संगठित होने का आह्वान किया ।