कुशीनगर की पांच चीनी मिलों पर 133.20 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया

कुशीनगर। कुशीनगर जिले के पाच चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 133.20 करोड़ रुपया बकाया है। कप्तानगंज चीनी मिल ने तो केवल 37.50 फीसदी ही गन्ना मूल्य भुगतान किया है।

कुशीनगर जिले में निजी क्षेत्र की पांच चीनी मिल-ढाढा, रामकोला पी, कप्तानगंज, सेवरही और खड्डा गन्ना पेराई का कार्य कर रही हैं। जिले में पाच चीनी मिलें वर्षों से बंद है।

पेराई सत्र 2020-21 में इन पांच चीनी मिलों ने 215.39 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जिसका मूल्य 69368.73 लाख रुपया हुआ। अब तक इन चीनी मिलों ने 21 जून तक 56048.71 लाख रुपया गन्ना मूल्य का भुगतान किया है और 11320.02 लाख रुपया बकाया है। चीनी मिलों ने अब तक 80.80 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।

सबसे ज्यादा बकाया कप्तानगंज चीनी मिल पर है। उसने अभी तक सिर्फ 5614.34 लाख रुपया  गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। कप्तानगंज चीनी मिल ने 27.75 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी जिसका मूल्य 8982.64 लाख रुपया  है। चीनी मिल ने सिर्फ 37.50 फीसदी गन्ना मूल्य यानि 3368.30 लाख का भुगतान किया।

 

चीनी मिल गन्ना आपूर्ति लाख क्विंटल गन्ना मूल्य (लाख रु ) भुगतान (लाख रु ) बकाया (लाख रु) भुगतान %
ढाढा 62. 26 19958.85 17644.39 2314.46 88.40
रामकोला पी 63.62 20522.95 19131.49 1391.46 93.22
कप्तानगंज 27.75 8982.64 3368.30 5614.34 37.50
सेवरही 43.45 13956.83 10591.28 3365.55 75.89
खड्डा 18.31 5947.46 5313.25 634.21 89.34
कुल योग 215.39  69368.73  56048.71 13320.02 80.80

 

गन्ना मूल्य भुगतान में रामकोला पी सबसे आगे है। उसने 93.22 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। रामकोला चीनी मिल ने 63.62 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जिसका मूल्य 20522.95 लाख रुपये हुए। चीनी मिल ने इसमें 19131.49 लाख रूपए का भुगतान कर दिया है और अब उसके उपर 1391.46 लाख रूपया बकाया है।

ढाढा चीनी मिल ने 88.40 फीसदी, सेवरही ने 75.89 और खड्डा ने 89.34 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।

वेटरनस एसोशिएशन किसान मोर्च के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाकियू (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा कि कुशीनगर के गन्ना किसान गन्ना मूल्य का भुगतान न होने से परेशान हैं। योगी सरकार चीनी मिल मालिकों के प्रभाव के आगे नतमस्तक है। इस समय खरीफ की फसल की बुवाई का समय चल रहा है लेकिन किसानों के हाथ में पैसे नहीं है। योगी सरकार ने कहा था कि प्रदेश के सभी चीनी मिलों द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में होना चाहिये। यदि कोई मिल मालिक 14 दिन में गन्ने का भुगतान करने मे असफल होता है तो वह ब्याज के साथ गन्ने का भुगतान किसानों को देगा लेकिन हालात यह है कि ब्याज की बात तो दूर अभी किसानों के गन्ने का मूल रकम का भुगतान नही हो पाया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।