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योगी राज में बहुजन समाज पर हिंसा करने वालों की मिल रहा संरक्षण -धीरेंद्र प्रताप

बहुजन समाज के उत्पीडन के खिलाफ पूर्वांचल सेना ने धरना-प्रदर्शन किया

गोरखपुर. जाति के नाम पर हिंसा करने वालों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है. पूरे प्रदेश से लगातार ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिसमें की बहुजन समाज के लोगों का उत्पीड़न हो रहा है और इन ऐसे मामलों में पुलिस एकतरफा कार्यवाही कर रही है.

यह  बातें पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने प्रदेश में बहुजन समाज पर लगातार बढ़ रहे उत्पीडन के विरुद्ध आज नगर निगम पार्क में आयोजित एक दिवसीय धरना – प्रदर्शन में कही.  उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से जातीय विशेष लोगों को गुंडई करने की खुली छूट दे दी गई है, जिसके परिणाम स्वरुप पूरे प्रदेश में बहुजन समाज के लोगों की हत्याएं हो रही हैं, उनकी जमीन पर कब्जा हो रहा है,  उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है और इसके विरुद्ध आवाज उठाने वालों को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है.  उन्होंने गगहा थाने में हुए अनुसूचित जाति के लोगों पर हुए गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा की गगहा थाने में हुई घटना में के केंद्र में जातिवाद है. घटना में घायल लोगों के एक्सरे रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने आई है लेकिन पुलिस प्रशासन इसे मानने को तैयार नहीं. उन्होंने कहा कि खाना पूर्ति के लिए घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है लेकिन पीड़ित पक्ष से अब तक कोई बयान नहीं लिया गया है, ना ही ना ही दूसरे पक्ष के लोगों पर किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई गई की गई है. ग्रामीणों को ऊपर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने के बजाय थाने में बनाए रखा गया है जो की जांच को पूरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन घटनाकमो को देखकर ऐसा लग रहा है की पुलिस प्रशासन को बहुजनों के दमन करने की खुली छूट है. उन्होंने कहा कि इसी गगहा  थाने में डेढ़ माह पूर्व अनुसूचित जाति के व्यक्ति रामप्रीत की हत्या हो गई थी जिसमें4 लोगों को नामजद किया गया था लेकिन पुलिस ने अब तक उनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया. चारों नामजद आरोपी पीड़ित परिवारों को धमकी दे रहे हैं और मुक़दमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे है लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. उन्होंने कहा एससी/एसटी/ ओबीसी/ माइनॉरिटी के प्रतिभाओं को के दमन की भी कार्यवाही सरकार में चल रही है. मेरठ में अनुसूचित जाति के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रविंद्र कुमार भारत को फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया गया. पुलिस ने सीधे-सीधे दादागिरी करते हुए बिना वजह 1:30 बजे रात को रविंद्र कुमार भारत को घर से उठाया, जिसकी सूचना शाम को 3:30 पर जिलाधिकारी मेरठ, 4:00 बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को परिवारजनों यह आशंका व्यक्त करते हुए दी गई थी कि उनके बेटे को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा सकता है . पुलिस ने उसी दिन रात 8:25 पर किसी अलग जगह से गिरफ्तार दिखाकर, दंगा करने की साजिश रचने के मामले में जेल भेज दिया.

उन्होंने कहा कि यह जो घटनाएं हो रही हैं यह बिना सरकारी संरक्षण के संभव नहीं है, निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश की सरकार बहुजन विरोधी सरकार है और आज इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से हमने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, इन मामलों में प्रशासन यदि न्याय नहीं करता है तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे और सरकार के नाक में दम कर देंगे.

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र वाल्मीकि, सोनू सिद्धार्थ,  रविंद्र कुमार , विजय प्रजापति , मोनू कनौजिया, शिव शंकर यादव, संजय यादव , विजय कनौजिया , कमलेश कुमार, श्रवण कुमार, अखिलेश सिंह सैथवार,  विजय कुमार, दीपक कुमार, अमित सिंघानिया, मोहम्मद फैज, अख्तर हुसैन, सोनू बौद्ध, प्रदीप कुमार, राजकुमार बौद्ध, रंजीत कुमार, सचिन पासवान , सुनील चौहान, हरिलाल गौतम, पवन कुमार, गीता देवी, सुनीता देवी, रामवती देवी, कलावती देवी, इमारती देवी समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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