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पक्षी गणना में सिगरहना ताल में दिखे 80 प्रजाति के पक्षी

‘ महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र ‘ बनाने के लिए डीएफओ ने प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षण को पत्र लिखा

महराजगंज. सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के उत्तरी चौक रेंज में स्थित सिगरहना ताल को ‘ महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) के रूप पहचान दिलाने की कोशिश शुरू हुई है. डीएफओ मनीष सिंह ने इसके लिए प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षण को पत्र लिखा है.

सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने  दो व तीन फरवरी को सिगरहना ताल पर पक्षियों के प्रजाति की गणना कराई. इस गणना में कुल 80 प्रजाति के पक्षी देखे गए जिसमें से 20 प्रजाति के प्रवासी तो 60 प्रजाति के अप्रवासी पक्षी थे.

सिगरहना ताल में प्रवासी व अप्रवासी पक्षियों की इतनी संख्या देख प्रभागीय वनाधिकारी ने सुखद अनुभूति करते हुए इस ताल को महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में पहचान दिलाने की कवायद शुरू कर दी है.

करीब ढाई सौ एकड़ में फैले इस ताल को महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र की श्रेणी में दर्ज कराने लिए शासन को पत्र भेजा है. साथ ही सोहगीबरवा के अन्य भागों में भी एक बार पक्षियों की गणना कराने की बात हो रही है.

डीएफओ मनीष सिंह

डीएफओ ने कहा कि पक्षी प्रकृति के हिस्सा हैं. वे परिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण में योगदान करते है। पक्षी मनुष्य एवं प्रकृति दोनों के लिए मददगार हैं.

उन्होंने बताया कि प्रदूषण , कीटनाशकों के अधिक प्रयोग , औद्योगिकीकरण एवं व्यापक विकिरण के कारण कई पक्षी विलुप्त हो रहे हैं. उन्हें खतरों से बचाना है.

मंजूरी मिली तो प्रदेश का सातवां आईबीए होगा सिगरहना ताल

महराजगंज।  भारत में कुल 467 आईबीए ( इंपार्टेंट बर्ड एरिया, महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र)  हैं जिसमें से छह महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है. इसमें अमनगढ रिजर्व फारेस्ट, धन्नौज खुर्द, महावीर वाइल्ड लाइफ , पीलीभीत टाइगर रिजर्व फारेस्ट, सरिपुर वेटलैंड तथा विजय सागर वेटलैंड के नाम हैं.
अगर सोहगीबरवा के सिगरहना ताल को मंजूरी मिली तो यह प्रदेश का सातवां महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र होगा.

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