लोकसभा चुनाव 2019

महराजगंज में नामांकन के आखिरी दिन गुल खिलेगा ?

महराजगंज। नामांकन के आखिरी दिन के एक दिन पहले तक सपा-बसपा-रालोद महा गठबंधन द्वारा प्रत्याशी घोषित न करने से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। सभी कहने लगे हैं कि अगले 24 घंटे में महा गठबंधन की ओर से ऐसा प्रत्याशी आएगा जिससे अब तक बने सभी समीकरण गड़बड़ा जाएंगे और लोग हैरत में पड़ जाएंगे।

आज दोपहर में निर्दलीय विधायक एवं जेल में कवयित्री मधुमिता की हत्या में सजायाफता बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी का सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भेंट ने महराजगंज से महागठबंधन प्रत्याशी को लेकर हो रही चर्चा को और गर्म कर दिया।

अमन मणि त्रिपाठी की बहन तनुश्री और अलंकृता मणि ने महराजगंज सीट से नामांकन पत्र खरीदा है।

महागठबंधन की ओर से महराजगंज सीट सपा के कोटे में गई है। सपा को यहां अपना प्रत्याशी घोषित करना है।

तनुश्री को सबसे पहले शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने 19 मार्च को महराजगंज से प्रत्याशी घोषित किया था। इसके नौ दिन बाद ही कांग्रेस ने 28 मार्च को उन्हें प्रत्याशी बनाया लेकिन कुछ घंटों में ही उनका टिकट काटकर पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी व वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिया श्रीनेता को टिकट दे दिया। तभी से चर्चा चल रही थी कि तनुश्री महागठबंधन से टिकट पाने की कोशिश कर रही हैं।

दो दलों से प्रत्याशी बनना और महागठबंधन से प्रत्याशी बनने की चर्चा पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के परिवार की सभी दलों में प्रभाव को दिखाता है। साथ में यह भी कि जेल में रहने के बावजूद अमर मणि के प्रभाव में कोई कमी नहीं आई है। उनके बेटे अमन मणि त्रिपाठी अक्सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलते रहते हैं। अमन मणि त्रिपाठी के नौतनवां स्थित दफ्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लगी हुई है।

आज ज्योंही अमन मणि के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भेंट की खबर सार्वजनिक हुई सारा सिंह की मां सीमा सिंह भी अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गई। उन्होंने अपील की कि अमन मणि त्रिपाठी की बहन को टिकट नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि अमन मणि त्रिपाठी ने उनकी बेटी सारा सिंह की हत्या की है। उल्लेखनीय है कि सारा सिंह निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी की पत्नी थी जिनकी एक कथित सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। सारा सिंह ने अमन मणि पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया और अमन मणि गिरफ्तार भी हुए।

इस वक्त सारा सिंह हत्या का केस अदालत में हैं और अदालत गवाहों के बयान व सबूतों का परीक्षण कर रही है।

अमन मणि जेल में रहते हुए वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे। तब उनके प्रचार की कमान उनकी नबहन तनुश्री और अलंकृता मणि ने संभाली थी. तनुश्री का इसी सप्ताह विवाह हुआ है.

पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के परिवार से पूर्व सांसद अखिलेश सिंह व उनके भाई कौशल सिंह उर्फ मुन्ना सिंह की राजनीतिक दुश्मनी (बहुत कुछ व्यक्तिगत भी) से सभी परिचित हैं। यदि महागठबंधन की ओर से तनुश्री को टिकट मिला तो अखिलेश सिंह या उनके भाई मुन्ना सिंह का भी चुनाव लड़ना तय है भले ही वह निर्दल चुनाव क्यों न लड़े।

महागठबंधन द्वारा इस सीट पर अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं करना किसी के समझ में नहीं आ रहा है। अब नामांकन में सिर्फ एक दिन यानि 29 अप्रैल बचा है। महागठबंधन से प्रत्याशी होने की आस में पूर्व सांसद एवं सपा के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह और सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री सुशील टिबड़ेवाल ने नामांकन कर दिया है।

महागठबंधन से विधान परिषद के अध्यक्ष रह चुके गणेश शंकर पांडेय के नाम की भी चर्चा थी जो अब थम गई है।

दो दिन से यह चर्चा चल रही है कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र उत्तम पटेल महराजगंज से प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। महराजगंज संसदीय क्षेत्र कुर्मी बहुल है और इन वोटों के बल पर भाजपा प्रत्याशी पंकज चैधरी पांच बार जीत दर्ज कर चुके हैं। महागठबंधन से भाजपा के एक दिग्गज नेता या उनके परिवार के सदस्य के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है।

कहा जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से प्रत्याशी का नाम फाइनल कर चुके हैं लेकिन विभिन्न कारणों से उसके नाम की घोषणा आखिरी वक्त होगी। इसका कारण यह भी है कि पार्टी के भीतर किसी भी विरोध को निष्क्रिय किया जा सके और विरोधियों को जवाबी रणनीति बनाने का मौका न मिल सके।

कांग्रेस ने यहां पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी एवं वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने 26 अप्रैल को नामांकन कर दिया। उनके नामांकन सभा में गुजरात के चर्चित पाटीदार नेता हार्दिक पटेल उपस्थित हुए.  हार्दिक पटेल का यहां आने का मकसद कुर्मी-पटेल मतदाताओं को कांग्रेस की ओर आकर्षित करना था। सुप्रिया श्रीनेत एक महीने से संगठित तरीके से प्रचार कर चुकी हैं और वह महराजगंज के सभी विधानासभा क्षेत्र का दौरे का एक चक्र पूरा कर चुकी हैं.

भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी कल नामांकन करने वाले हैं.

जब भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी करीब एक महीने से चुनाव प्रचार कर रहे हैं, महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी का न आना सभी को हैरत में डाले हुए है. देखना है कि आखिर वक्त क्या गुल खिलता है.

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